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रमा एकादशी: जानें कब है व्रत और इसके महत्व

रमा एकादशी, जो कार्तिक माह में आती है, भगवान विष्णु की आराधना का विशेष दिन है। इस दिन भक्त विधिपूर्वक पूजा करते हैं और अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति करते हैं। जानें कब है रमा एकादशी, इसके शुभ मुहूर्त और प्रभावशाली मंत्र। इस व्रत का उद्देश्य जीवन में सुख और मोक्ष की प्राप्ति है।
 

रमा एकादशी का महत्व और तिथि


रमा एकादशी का महत्व
कार्तिक माह का यह समय सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने को भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है। देवउठनी एकादशी से पहले रमा एकादशी आती है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना के लिए जानी जाती है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिससे उन्हें दोनों की कृपा प्राप्त होती है।


इस व्रत का उद्देश्य जीवन में भौतिक सुखों की प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति है। आइए, हम रमा एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और प्रभावशाली मंत्रों के बारे में जानते हैं।


रमा एकादशी का फल

अश्वमेघ यज्ञ का फल


रमा एकादशी हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। जो भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उन्हें अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।


रमा एकादशी की तिथि

कब है रमा एकादशी


वैदिक पंचांग के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत 16 अक्टूबर को सुबह 10:35 बजे से शुरू होगा और 17 अक्टूबर को सुबह 11:12 बजे समाप्त होगा। इस प्रकार, उदयातिथि में 17 अक्टूबर को रमा एकादशी मनाई जाएगी। व्रत पारण का समय 18 अक्टूबर को सुबह 06:24 एएम से 08:41 एएम तक रहेगा।


शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त



  • अभिजीत मुहूर्त: 11:49 एएम से 12:35 पीएम तक।

  • अमृत काल: 11:25 एएम से 01:06 पीएम तक।

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:52 एएम से 05:40 एएम तक।


एकादशी पर जपें ये मंत्र

मंत्र



  • ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

  • ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

  • ॐ नारायणाय विद्महे।
    वासुदेवाय धीमहि।
    तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

  • ॐ विष्णवे नम: