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लोहड़ी 2026: जानें कब मनाई जाएगी यह लोकप्रिय त्योहार

लोहड़ी, उत्तर भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार सर्दियों की ठंड में गर्माहट और खुशी का प्रतीक है। 2026 में भी लोहड़ी 13 जनवरी को मनाई जाएगी। इस लेख में, हम लोहड़ी के महत्व, उत्सव की परंपराओं और इसकी सही तारीख के बारे में जानेंगे। जानें कैसे लोग इस दिन अलाव जलाकर खुशियां मनाते हैं और प्रकृति का आभार व्यक्त करते हैं।
 

लोहड़ी की तारीख: 13 या 14 जनवरी?

लोहड़ी का उत्सव: लोहड़ी उत्तर भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख और प्रिय त्योहार है, जिसका बेसब्री से इंतज़ार हर आयु वर्ग के लोग करते हैं। यह त्योहार हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है और हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की शुक्ल पक्ष तिथि पर आता है। हालांकि, कई बार यह सवाल उठता है कि लोहड़ी 13 जनवरी को होगी या 14 जनवरी को। आइए, हम 2026 में लोहड़ी की सही तारीख के बारे में जानते हैं।


लोहड़ी 2026 की तारीख

• लोहड़ी 2026 की तारीख: 13 जनवरी
• दिन: मंगलवार


भारत में लोहड़ी हमेशा 13 जनवरी को मनाई जाती है, और 2026 में भी यह परंपरा जारी रहेगी।


लोहड़ी का उत्सव क्यों मनाया जाता है?

लोहड़ी उत्तर भारत का एक पारंपरिक उत्सव है, जो सर्दियों की कड़ाके की ठंड में गर्माहट, खुशी और एकता का संदेश देता है। इसे विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।


यह त्योहार रबी फसल, विशेषकर गन्ना और गेहूं की कटाई से संबंधित है। किसान इसे समृद्धि, प्रकृति के प्रति आभार और नए मौसम की शुरुआत के रूप में मनाते हैं।


लोहड़ी का महत्व

लोहड़ी केवल एक फसल पर्व नहीं है, बल्कि यह मौसम परिवर्तन का प्रतीक भी है। यह शीत ऋतु के अंत और सूर्य के उत्तरायण होने की शुरुआत का संकेत देती है। इस दिन शाम को लोग खुले स्थान पर अलाव जलाते हैं, उसके चारों ओर बैठकर गर्माहट का आनंद लेते हैं और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।


अलाव में तिल, मूंगफली, गुड़, पॉपकॉर्न, रेवड़ी और मक्का चढ़ाने की परंपरा है। इसे अग्निदेव और प्रकृति का धन्यवाद करने का एक तरीका माना जाता है। अलाव के चारों ओर परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर गाना, नाचना और खुशियां बांटना इस त्योहार की असली खूबसूरती है।