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वैकुंठ चतुर्दशी: भगवान शिव और विष्णु की पूजा के लिए शुभ योग

वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व आज मनाया जा रहा है, जिसमें भगवान शिव और विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जैसे रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग। पूजा के लिए निशिता काल में 52 मिनट का मुहूर्त है। जानें इस दिन की पूजा विधि और शुभ समय के बारे में विस्तार से।
 

वैकुंठ चतुर्दशी का महत्व


सनातन धर्म में वैकुंठ चतुर्दशी का विशेष महत्व है। आज कार्तिक मास की वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु ने काशी में महादेव की पूजा की थी, इसलिए इस दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा का महत्व है। आज के दिन कई शुभ योग जैसे रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। इन योगों में पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। पूजा के लिए निशिता काल में 52 मिनट का शुभ मुहूर्त है। इन योगों में भगवान शिव और विष्णु की पूजा से लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है।


वैकुंठ चतुर्दशी के शुभ योग

वैकुंठ चतुर्दशी शुभ योग



  • रवि योग: सुबह 06:08 से दोपहर 12:34 तक

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 04 नवंबर को दोपहर 12:34 से

  • अमृत सिद्धि योग: 04 नवंबर को दोपहर 12:34 से

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:24 से 12:09 तक

  • भद्रावास: रात 10:36 से पूरी रात


निशिता काल

निशिता काल


सनातन शास्त्रों के अनुसार, वैकुंठ चतुर्दशी पर निशिता काल में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस समय केवल 52 मिनट का समय पूजा के लिए निर्धारित है। निशिता काल रात 11:39 से 12:31 तक है, इस दौरान भक्त भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा कर सकते हैं।