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शरद पूर्णिमा: माता लक्ष्मी की पूजा और विशेष उपाय

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागिरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने से वह अमृत के समान हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य लाभ होता है। इस लेख में माता लक्ष्मी के श्री सूक्त का पाठ, मंत्रों का जाप और विशेष उपायों के बारे में जानकारी दी गई है, जो आपकी मनोकामनाओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।
 

शरद पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा को एक विशेष दिन माना जाता है, जिसे कोजागिरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा की जाती है। चंद्रमा इस दिन अपनी पूर्ण 16 कलाओं के साथ होते हैं और अमृत की वर्षा करते हैं। शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर रखने से वह खीर अमृत के समान बन जाती है, जिससे उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और भक्तजन पूरी रात उनके भजन करते हैं।


माता लक्ष्मी के श्री सूक्त का पाठ

शरद पूर्णिमा की रात भक्तिभाव से माता लक्ष्मी के 'श्री सूक्त' का पाठ करना चाहिए। इसके साथ ही माता लक्ष्मी के मंत्रों का जप करना भी आवश्यक है। रात में जागकर देवी लक्ष्मी की आराधना करने से माता प्रसन्न होती हैं और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।


मंत्रों का जाप

आप 'ओम श्रीम श्रियै नमः' मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है। यदि आप आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो शरद पूर्णिमा की रात इन उपायों को अवश्य करें।


विशेष उपाय

इस दिन चावल की खीर को चांदनी रात में रखना शुभ माना जाता है, क्योंकि इस समय चंद्रमा से अमृत बरसता है। चांदनी में खीर रखने से उसमें चंद्रमा की सोलह कलाएं और स्वास्थ्य गुण समाहित हो जाते हैं। अगले दिन इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से रोगों का नाश होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसके अलावा, व्यवसाय, करियर और रिश्तों से जुड़ी समस्याएं भी हल होती हैं।


मनोकामना पूर्ण करने का उपाय

शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने महारासलीला का आयोजन किया था। इस दिन श्री कृष्ण के मंत्र का जाप करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी। एक सफेद कागज पर हरे रंग के कलम से अपनी इच्छा लिखें, फिर इसे मोड़कर भगवान कृष्ण के पास रखें और 108 बार 'ओम क्लीं कृष्णाय नमः' का जाप करें। अगले दिन सुबह कागज को जलाकर उसकी राख को फूंक मार दें। ऐसा करने से आपकी इच्छाएं पूरी होंगी।