शारदीय नवरात्रि: दुर्गा पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य सावधानियां
शारदीय नवरात्र का महत्व
22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाए जाएंगे शारदीय नवरात्र
इस वर्ष शारदीय नवरात्र का आयोजन 22 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूजा से साधक को देवी मां की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। इस समय पूजा करने वाले भक्तों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें पूजा का पूरा फल मिल सके।
अखंड दीप जलाने की विधि
यदि आप अखंड दीप जलाने का निर्णय लेते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि दीप की ज्योत कभी भी खंडित न हो। इसके लिए, आप एक छोटा दीपक भी जलाकर अखंड ज्योत के पास रख सकते हैं। यदि गलती से आपका अखंड दीप बुझ जाता है, तो आप छोटे दीपक की मदद से उसे तुरंत फिर से प्रज्वलित कर सकते हैं। इस उपाय से आप दोष से बच सकते हैं।
कलश स्थापना का महत्व
नवरात्र के दौरान कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। कलश स्थापित करने से पहले उस स्थान को अच्छे से साफ करना आवश्यक है। इसके बाद, गंगा जल का छिड़काव करें और फिर कलश की स्थापना करें।
पूजा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
नवरात्र के दौरान, सुबह और शाम दोनों समय माता की आरती के लिए दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ ही, देव स्थान पर धूप जलाना भी आवश्यक है। कोशिश करें कि आप रोजाना सुबह नौ बजे से पहले अपनी पूजा पूरी कर लें। ऐसा करने से देवी मां की कृपा आपके और आपके परिवार पर बनी रहती है।
सावधानियां बरतें
नवरात्र के नौ दिनों में जिस स्थान पर आप देवी की पूजा करते हैं, वहां झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। इसके बजाय, आप किसी साफ कपड़े से पूजा स्थल को साफ कर सकते हैं। इस दौरान तामसिक भोजन, शराब, मांस आदि से दूर रहना चाहिए। साथ ही, तन और मन की स्वच्छता का ध्यान रखना भी आवश्यक है ताकि माता रानी की कृपा बनी रहे।