सरस्वती आह्वान: पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
सरस्वती आह्वान का पर्व 29 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन देवी सरस्वती को आमंत्रित करने का महत्व है। जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष मंत्र। देवी सरस्वती की आराधना से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।
Sep 29, 2025, 11:36 IST
सरस्वती आह्वान का महत्व
आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सरस्वती आह्वान का पर्व मनाया जाता है। इसे देवी सरस्वती को अपने जीवन और घर में आमंत्रित करने का दिन माना जाता है। इस वर्ष, यह पर्व 29 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। आश्विन शुक्ल पक्ष की महा सप्तमी के दिन, कई शुभ योग जैसे सौभाग्य योग और शोभन योग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में मां सरस्वती की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व...
शुभ योग
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 बजे से शुरू होकर दोपहर 12:36 बजे तक रहेगा। इस दिन सप्तमी तिथि 29 सितंबर को सुबह 04:31 बजे तक रहेगी, इसके बाद अष्टमी तिथि का आरंभ होगा।
पूजा विधि
सरस्वती आह्वान का अनुष्ठान मूल नक्षत्र मुहूर्त में किया जाता है। इस दिन मां सरस्वती के विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। पूजा के दौरान मां सरस्वती के चरणों को धोकर उनकी मूर्ति को चंदन और कुमकुम से सजाया जाता है। सफेद रंग मां सरस्वती का प्रिय रंग माना जाता है, इसलिए इस दिन सफेद वस्तुओं का भोग अर्पित करना शुभ होता है। पूजा समाप्त होने के बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है। पूजा के समय मां सरस्वती की आरती भी की जाती है।
मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥१॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥