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सावन पूर्णिमा 2023: जानें व्रत, स्नान और दान के शुभ मुहूर्त

सावन पूर्णिमा 2023 का पर्व विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है और रक्षा बंधन का भी पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष व्रत और स्नान-दान की तिथियाँ अलग-अलग हैं। जानें कब व्रत रखना है, कब स्नान करना है और दान का सही समय क्या है। साथ ही, इस दिन के शुभ मुहूर्त और स्नान का महत्व भी जानें।
 

सावन पूर्णिमा की तिथि और महत्व

सावन पूर्णिमा की तिथि और समय: सावन माह की पूर्णिमा का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित पवित्र सावन महीने का अंतिम दिन होता है, जिसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन रक्षा बंधन का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं, जबकि भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। इस वर्ष सावन पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान अलग-अलग तिथियों पर होगा, इसलिए यह जानना आवश्यक है कि कब व्रत रखा जाए, स्नान और दान कब किया जाए, और शुभ मुहूर्त क्या हैं।


सावन पूर्णिमा की तिथि और चंद्र पूजन का समय

सावन पूर्णिमा की तिथि और चंद्र पूजन का समय

द्रिक पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। चूंकि उदया तिथि 9 अगस्त को है, इसलिए सावन पूर्णिमा 9 अगस्त को मानी जाएगी।
हालांकि, व्रत रखने वाले श्रद्धालु 8 अगस्त को व्रत रखेंगे, क्योंकि इस दिन चंद्रोदय शाम 6:42 बजे होगा, और पूर्णिमा व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देना अनिवार्य होता है।


8 अगस्त को करें व्रत और चंद्र पूजन

8 अगस्त को करें व्रत और चंद्र पूजन

पूर्णिमा व्रत करने वालों के लिए 8 अगस्त को उपवास रखना श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजन किया जाएगा। मान्यता है कि इस व्रत से मानसिक शांति, समृद्धि और शुभ फल प्राप्त होते हैं।


स्नान-दान 9 अगस्त को, जानें मुहूर्त

स्नान-दान 9 अगस्त को, जानें मुहूर्त

सावन पूर्णिमा पर पुण्य स्नान और दान 9 अगस्त को किया जाएगा। सावन पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:22 से 5:04 बजे तक स्नान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसके अलावा अन्य प्रमुख शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:53 बजे तक

  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:40 बजे से 3:33 बजे तक

  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:06 बजे से 7:27 बजे तक

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 2:23 बजे तक


क्यों है स्नान और दान का विशेष महत्व?

क्यों है स्नान और दान का विशेष महत्व?

मान्यता है कि सावन पूर्णिमा के दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान और सामर्थ्यानुसार दान करने से जातक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। यह पुण्य जन्मों तक फलदायी माना जाता है और जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि लाता है.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.