सावन भौम प्रदोष व्रत: महत्व और पूजा विधि
सावन भौम प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा से जुड़ा है। इस दिन भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। जानें इस व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और किन वस्तुओं का अर्पण करना चाहिए। साथ ही, जानें इस दिन क्या न करें ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।
Jul 22, 2025, 11:06 IST
सावन भौम प्रदोष व्रत का महत्व
आज सावन भौम प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है, जो सावन माह में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा की जाती है। हनुमान जी की आराधना करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए, हम आपको इस व्रत के महत्व और पूजा विधि के बारे में जानकारी देते हैं।
सावन भौम प्रदोष व्रत की जानकारी
इस दिन शिव जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव में कमी आती है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। शिव परिवार, मंगल देव और हनुमान जी की पूजा इस दिन विशेष फलदायी मानी जाती है। भौम प्रदोष व्रत के दिन लाल वस्तुओं का दान करना भी शुभ होता है। सावन का पहला भौम प्रदोष व्रत 22 जुलाई को मनाया जाएगा, जो मंगलवार को पड़ रहा है। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत होता है, जिसमें से एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में आता है। इस दिन शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है।
सावन भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
पंडितों के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जुलाई को सुबह 7:05 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 23 जुलाई को सुबह 4:39 बजे होगा।
सावन भौम प्रदोष व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन शिव जी की आराधना से जीवन की कई बाधाएं दूर होती हैं। विशेषकर मांगलिक दोष से ग्रस्त जातकों के लिए यह दिन अत्यंत फलदायी होता है। इसके अलावा, करियर में आ रही रुकावटें भी इस व्रत से कम हो सकती हैं। हनुमान जी की कृपा भी साधक को प्राप्त होती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा के लिए प्रदोष काल का समय शाम 7:18 बजे से रात 9:22 बजे तक शुभ रहेगा। अन्य शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:14 से 4:56 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 बजे तक
सावन भौम प्रदोष व्रत में अर्पित करने योग्य वस्तुएं
पंडितों के अनुसार, इस दिन शिव जी को उनके प्रिय भोग जैसे खीर, बर्फी, मालपुआ, ठंडाई और भांग अर्पित करनी चाहिए। पूजा के दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, शमी और कनेर के फूल भी चढ़ाएं। इन भोगों और पुष्पों से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
सावन भौम प्रदोष व्रत के दिन क्या न करें
प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। साधकों को साधारण नमक का सेवन भी नहीं करना चाहिए। पूजा में तुलसी दल का उपयोग न करें और काले कपड़े पहनने से बचें। इन कार्यों से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता।
सावन भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
भक्तों को इस दिन सुबह जल्दी उठकर साफ कपड़े पहनने चाहिए और व्रत रखना चाहिए। भगवान का ध्यान करते हुए पूजा स्थल को साफ करके शिव और देवी पार्वती की मूर्तियाँ स्थापित करें। 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें। भगवान को प्रसन्न करने के लिए दीये जलाएं और बेलपत्र चढ़ाएं।