सोमवार का दिन: भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व
सोमवार का महत्व और पूजा
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है, और सोमवार का दिन विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं और शिव जी की कृपा की कामना करते हैं। मान्यता है कि सोमवार को की गई भक्ति से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सोमवार का व्रत न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि शिवजी की आराधना से जीवन के कष्टों से मुक्ति का आशीर्वाद भी मिलता है। इसीलिए पूजा के दौरान शिव आरती का पाठ अनिवार्य माना जाता है। आरती के साथ संपन्न पूजा को फलदायी माना जाता है।
सोमवार का पवित्र व्रत और पूजन
सोमवार को भक्त भगवान शिव का विशेष विधि-विधान से पूजन करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन की गई उपासना से घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शिव आरती का महत्व
कहा जाता है कि पूजा के समय आरती पढ़ने से भक्त की प्रार्थना पूर्ण मानी जाती है। सोमवार को आरती पढ़ने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति प्रदान करते हैं।
सोमवार को पढ़ी जाने वाली शिवजी की आरती
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा.
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे .
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे .
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी .
चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे .
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी .
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका .
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे .
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
सोमवार का दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है। इस दिन शिवजी की आरती का पाठ भक्तों को आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ दिव्य आशीर्वाद भी प्रदान करता है।