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हर घर तिरंगा 2025: देशभक्ति का नया उत्सव

हर घर तिरंगा 2025 अभियान इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्ति की भावना को जागृत करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह अभियान हर भारतीय को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करता है और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक भी है। उत्तर प्रदेश में 60 लाख तिरंगे निःशुल्क वितरित किए जा रहे हैं, जिससे महिलाओं को रोजगार और सशक्तिकरण का अवसर मिल रहा है। जानें इस अभियान के बारे में और कैसे यह एक जन आंदोलन बन चुका है।
 

हर घर तिरंगा 2025 का महत्व

हर घर तिरंगा 2025: इस वर्ष भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। जैसे-जैसे 15 अगस्त नजदीक आ रहा है, "हर घर तिरंगा" अभियान फिर से देशवासियों में देशभक्ति की भावना को जागृत कर रहा है। यह पहल हर भारतीय को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करती है, जो न केवल स्वतंत्रता के प्रतीक को सम्मान देती है, बल्कि नागरिकों और राष्ट्रीय ध्वज के बीच एक गहरा भावनात्मक संबंध भी स्थापित करती है। 2025 में भारत अपनी आजादी के 78 साल पूरे होने का जश्न मनाएगा।


अभियान का चौथा संस्करण

इस साल "हर घर तिरंगा" अभियान का चौथा संस्करण सभी भारतीयों से आग्रह करता है कि वे अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं और इसे देशभक्ति के एक पवित्र कार्य के रूप में अपनाएं। इस पहल के तहत नागरिकों को अपनी तिरंगा सेल्फी साझा करने और अभियान के राजदूत बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा डिजिटल बैज और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे, जो उनकी भागीदारी को और विशेष बनाएंगे। 'आजादी के अमृत महोत्सव' के अंतर्गत 2022 में शुरू हुआ यह अभियान अब एक जन आंदोलन बन चुका है। इसका उद्देश्य तिरंगे को केवल एक औपचारिक प्रतीक से कहीं अधिक बनाना है – यह अब राष्ट्रीय गौरव और एकता की व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है।


स्वयंसेवी कार्यक्रम का विस्तार

स्वयंसेवी कार्यक्रम: अभियान को नई ऊंचाइयां

इस वर्ष संस्कृति मंत्रालय ने "हर घर तिरंगा" स्वयंसेवी कार्यक्रम के माध्यम से इस पहल को और व्यापक बनाया है। देशभर के स्वयंसेवक 2 अगस्त से शुरू होने वाले इस अभियान को गली-मोहल्लों तक ले जा रहे हैं। वे घर-घर जाकर तिरंगा फहराने में सहायता कर रहे हैं, झंडे वितरित कर रहे हैं और लोगों को अभियान के पोर्टल पर अपनी सेल्फी अपलोड करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके साथ ही, स्वयंसेवकों को उनके योगदान के लिए आधिकारिक प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। सबसे अधिक योगदान देने वाले स्वयंसेवकों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा, जो इस अभियान को और प्रेरणादायी बनाता है।


सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का प्रतीक

देशभक्ति के साथ सशक्तिकरण की कहानी

यह अभियान केवल देशभक्ति तक सीमित नहीं है; यह सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का भी प्रतीक है। उत्तर प्रदेश में, राज्य सरकार ने शहरी गरीब समुदायों में 60 लाख तिरंगे निःशुल्क वितरित करने की योजना बनाई है। ये झंडे स्थानीय स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं, जिससे लगभग 29,000 महिलाओं को रोजगार और सशक्तिकरण का अवसर मिल रहा है।


उत्तर प्रदेश में तिरंगे का उत्सव

यूपी में इस साल फहराए जाएंगे 4.6 करोड़ से अधिक तिरंगे

उत्तर प्रदेश में इस वर्ष 4.6 करोड़ से अधिक तिरंगे फहराए जाएंगे। रैलियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और झंडा उत्सवों के माध्यम से जनभागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। वाराणसी में, महिला स्वयं सहायता समूहों ने 2.5 लाख झंडे तैयार किए हैं, जो इस अभियान को देशभक्ति के साथ-साथ सशक्तिकरण का प्रतीक बनाते हैं। मध्य प्रदेश में, तिरंगे के इर्द-गिर्द रैलियां, स्वच्छता अभियान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो नागरिक सहभागिता और राष्ट्रीय पहचान को और मजबूत कर रहे हैं।