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हरिद्वार में सामूहिक तर्पण: 80 करोड़ हिंदुओं की श्रद्धांजलि

हरिद्वार के चंडी घाट पर 80 करोड़ हिंदू पूर्वजों की याद में सामूहिक तर्पण का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में देश-विदेश के हिंदू श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य हिंदू संस्कृति और इतिहास को पुनर्जीवित करना है। जानें इस तर्पण का महत्व और इसमें शामिल होने वाले गणमान्य व्यक्तियों के बारे में।
 

हरिद्वार में तर्पण का आयोजन

हरिद्वार, (हरिद्वार)। सनातन धर्म की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले 80 करोड़ हिंदू पूर्वजों की स्मृति में हरिद्वार के चंडी घाट पर सामूहिक तर्पण का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या फाउंडेशन की अध्यक्ष मीनाक्षी शरण ने प्रेस क्लब हरिद्वार में इस भव्य कार्यक्रम की जानकारी दी। यह आयोजन संगठन का 9वां वर्ष है, जिसमें देश-विदेश के हिंदू अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। आइए जानते हैं, इस तर्पण का उद्देश्य और इसका ऐतिहासिक महत्व क्या है।


हिंदू नरसंहार की अनकही दास्तान

मीनाक्षी शरण ने बताया कि पिछले 1400 वर्षों में भारत में धर्म परिवर्तन के लिए हजारों आक्रमण हुए। इन हमलों में धर्म, आस्था और संस्कृति की रक्षा के लिए लगभग 80 करोड़ हिंदुओं ने अपने प्राणों की आहुति दी। विशेष रूप से, भारत के विभाजन के समय 50 लाख निर्दोष हिंदू मारे गए। यह दुखद है कि इन शहीदों का न तो शास्त्रों के अनुसार अंतिम संस्कार हुआ, न ही उनके लिए तर्पण किया गया और न ही उन्हें इतिहास में वह स्थान मिला, जिसके वे हकदार थे। हिंदू नरसंहार को मानव इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे लंबा नरसंहार माना जाता है, जो यहूदी नरसंहार से 2000 गुना बड़ा है। फिर भी, यह गौरवशाली इतिहास न तो दुनिया जानती है और न ही आज का हिंदू।


Hindu Tarpan: सनातन संस्कृति का गर्व

सदियों के आक्रमणों और अत्याचारों के बावजूद, सनातन संस्कृति आज भी हमारे घरों, मंदिरों और उत्सवों में जीवित है। अयोध्या फाउंडेशन का उद्देश्य है कि हिंदुओं को इस गौरवमयी इतिहास पर गर्व हो। यह धारणा गलत है कि भारत को आजादी आसानी से मिली। इस अभियान का लक्ष्य हिंदुओं को उनके बलिदानी इतिहास की याद दिलाना, आत्मरक्षा का जज्बा जगाना और भावी पीढ़ियों को सनातन संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना है।


विभाजन विभीषिका और सरकारी पहल

अयोध्या फाउंडेशन के इस अभियान को देखते हुए, 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ घोषित किया था। इस अभियान से हर साल देश-विदेश के लोग जुड़ रहे हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में सामूहिक तर्पण का आयोजन कर रहे हैं। यह एकजुटता सनातन धर्म के प्रति गर्व और सम्मान को दर्शाती है।


इस साल का तर्पण आयोजन

हर साल की तरह, इस बार भी सर्व पितृ अमावस्या पर चंडी घाट, हरिद्वार में सामूहिक तर्पण होगा। इस आयोजन में मीनाक्षी शरण के साथ देशभर से कई हिंदू संगठनों और गणमान्य व्यक्तियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनमें शाश्वत भारत ट्रस्ट देहरादून के संस्थापक डॉ. कुलदीप दत्ता, रिटायर्ड कर्नल विवेक गुम्रा, उद्योगपति अशोक कुमार विडलस, राजनीतिक सलाहकार निशीथ शरण, चंडीगढ़ से शिवानी सोही, गुरप्रताप सिंह सोही, तिरलोक सिंह सोही, हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक चारुदत्त पिगले, हिंदू रक्षा मंच हिमाचल प्रदेश के कमल गौतम, महेंद्र ठाकुर, कर्नल हनी बख्शी, कर्नल राजीव कोतवाल, अमृतसर से रणजीत सिंह कालरा, दिल्ली से एडवोकेट आनंदिता सचदेव, गढ़ सेना देहरादून से विमल उनियाल और सनातन रक्षा बोर्ड के शैलेंद्र दाभाने जैसे लोग शामिल हैं। यह तर्पण समारोह कल दोपहर 12:38 बजे चंडी घाट पर होगा।