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हरियाणा सरकार ने चावल डिलीवरी की तारीख बढ़ाई, किसानों को मिलेगा लाभ

हरियाणा सरकार ने चावल डिलीवरी की तारीख को 15 मार्च से बढ़ाकर 30 जून 2025 कर दिया है, जिससे राज्य के लगभग 1,000 मिलर्स को राहत मिलेगी। इस निर्णय से किसानों को भी लाभ होगा, क्योंकि धान की खरीद की तारीख को 22 सितंबर से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने MSP में वृद्धि की जानकारी दी, जो किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेगी। इसके अलावा, मानसून की अधिक बारिश ने धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिसके लिए सरकार ने क्लेम्स की प्रक्रिया शुरू की है।
 

हरियाणा सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

चंडीगढ़, विशेष रिपोर्ट: हरियाणा सरकार ने चावल की डिलीवरी की अंतिम तिथि को 15 मार्च से बढ़ाकर 30 जून 2025 कर दिया है। इस निर्णय से राज्य के लगभग 1,000 चावल मिलों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी। मिलर्स को होल्डिंग चार्जेस में लगभग 50 करोड़ रुपये की बचत होगी। हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने बताया कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने डिलीवरी में 45 दिन की देरी की, जिससे मिलर्स समय पर काम पूरा नहीं कर सके। अब बोनस की पात्रता अवधि भी 30 जून तक बढ़ गई है, जिससे मिलर्स को बोनस और चार्जेस में छूट मिलेगी। यह निर्णय मिलर्स के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगा।


किसानों को कैसे होगा लाभ?

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में धान की खरीद को 1 अक्टूबर के बजाय 22 सितंबर 2025 से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे किसानों को फसल कटाई के तुरंत बाद बेचने का अवसर मिलेगा, जिससे स्टोरेज की समस्या और नुकसान से बचा जा सकेगा। यह विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद होगा जो जल्दी फसल काटकर पैसे चाहते हैं। यह कदम किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा और बाजार की चिंता को कम करेगा।


हरियाणा में MSP में वृद्धि

सैनी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष ने किसानों को यह गलतफहमी दी कि बीजेपी MSP को समाप्त कर देगी। लेकिन सरकार ने MSP को लगातार बढ़ाया है। 2014 में धान (कॉमन) का MSP 1,360 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2025-26 में 2,369 रुपये हो गया। इसी तरह, धान (ग्रेड-A) का MSP 1,400 से बढ़कर 2,389 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। यह वृद्धि किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेगी और फसल बेचने का आत्मविश्वास बढ़ाएगी।


धान की पैदावार का आंकड़ा

2024-25 खरीफ सीजन में हरियाणा में धान की अनुमानित पैदावार 60 लाख मीट्रिक टन (LMT) रहने की उम्मीद है। राज्य में धान की खेती का क्षेत्रफल लगभग 34-39 लाख एकड़ है, और सरप्लस उत्पादन ने केंद्र पूल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। HAFED जैसी एजेंसियां 10 मिलियन टन से अधिक खाद्य अनाज उत्पादन का लक्ष्य रखती हैं, जिसमें धान प्रमुख है। यह पैदावार राज्य को देश के खाद्य बाउल के रूप में मजबूत बनाती है।


बारिश का फसल पर प्रभाव

इस वर्ष मानसून में 38% अधिक बारिश (कुल 566.6 मिमी) ने धान की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाया। यमुना, घग्गर, मार्कंडा और तंगरी नदियों के किनारे के क्षेत्रों में जलभराव से पैदावार में कमी आई। कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर और कैथल जैसे जिलों में कई गांव प्रभावित हुए, जहां स्टेम डैमेज और फूलिंग प्रोसेस पर असर पड़ा। किसान संघों के अनुसार, नुकसान 20-30% तक है, और ड्वार्फिंग वायरस ने भी समस्या को बढ़ाया है। सरकार e-Kshatipurti पोर्टल के माध्यम से 5.27 लाख किसानों के 30.95 लाख एकड़ के क्लेम्स ले रही है, और स्पेशल गिर्दावरी चल रही है।