होली के अनोखे रंग: भारत की विविध परंपराएँ और अनूठे उत्सव
भारत में होली का अनूठा उत्सव
विविधता की छटा: भारत के विभिन्न राज्यों और जनजातियों में होली का उत्सव अलग-अलग रंगों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। इनकी विशेषताएँ होली के रंगों को एक अनोखा रूप देती हैं। आइए जानते हैं कुछ अनोखी परंपराओं के बारे में, जैसे कहीं लोग अंगारों पर चलते हैं तो कहीं इसे अपशगुन मानते हैं।
मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में होली मनाने की एक अनोखी परंपरा है। यहां लोग एक-दूसरे पर अंगारे फेंकते हैं, जो कि होलिका राक्षसी के अंत का प्रतीक माना जाता है। इस क्षेत्र में होली का उत्सव एक विशेष तरीके से मनाया जाता है, जहां ग्रामीण शक्कर के गहने पहनकर होलिका की पूजा करते हैं।
कर्नाटक के धाड़वाड़ जिले के बिड़ावली गांव में भी होली की एक विशेष परंपरा है, जिसमें लोग अंगारों के साथ होली खेलते हैं। मध्य प्रदेश के भील आदिवासियों में होली से कुछ दिन पहले एक हाट लगता है, जहां लोग त्योहार के लिए आवश्यक सामान खरीदते हैं और कुंवारी लड़कियाँ अपने जीवनसाथी की तलाश करती हैं।
राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर में खूनी होली का खेल होता है, जबकि पुष्करणा ब्राह्मण समाज के चोवटिया जोशी जाति के लोग इस अवसर पर मातम मनाते हैं। इन दिनों उनके घरों में खाना नहीं बनता, बल्कि उनका भोजन रिश्तेदारों के घर से आता है।