DRDO का नया AI डिफेंस सिस्टम: युद्ध को टालने की अनोखी तकनीक
DRDO का अभिनव AI डिफेंस सिस्टम
Tech News: ISRO के चंद्रयान मिशन में उपयोग की गई हीट-सेंसिंग और माइक्रोवेव तकनीक अब भारत के रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) के लिए एक नई प्रेरणा बन गई है। DRDO इस डेटा का इस्तेमाल एक अत्याधुनिक AI डिफेंस सिस्टम के विकास में कर रहा है, जो किसी को नुकसान नहीं पहुँचाता, बल्कि उसकी मानसिक स्थिति का आकलन करता है। यह प्रणाली दुश्मन सैनिक की बॉडी हीट, गतिविधियों, तनाव और मानसिक स्थिति का विश्लेषण करती है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि कौन सैनिक डर रहा है, कौन हमला करने वाला है और कौन पीछे हटने वाला है।
युद्ध की सोच में नैतिक बदलाव
इसका मतलब यह है कि युद्ध शुरू होने से पहले ही उसे रोकने का प्रयास किया जाएगा। यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं है, बल्कि रक्षा की सोच में एक नैतिक मोड़ भी है। अब रक्षा केवल ताकत की नहीं, बल्कि समझदारी की कसौटी पर होगी। यह प्रणाली सैनिक के डर और हिचकिचाहट को डेटा में बदलकर निर्णय लेने में मदद करेगी। इससे फायरिंग ज़ोन में भी शांति बनाए रखने के अवसर बढ़ेंगे। DRDO इसे 'संवेदनशील युद्धनीति' की शुरुआत मानता है, जो भारतीय सोच का प्रतिबिंब है, जहां लड़ाई का लक्ष्य जीत नहीं, बल्कि टालना होता है।
AI प्रणाली की विशेषताएँ
जब हथियार गोली नहीं, समझ से काम लेता है
यह कोई साधारण सर्विलांस सिस्टम नहीं है। यह एक व्यवहार आधारित AI प्रणाली है, जो थर्मल सिग्नेचर और न्यूरो-पैटर्न को पहचानती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हथियार प्रतिक्रिया नहीं करता, बल्कि पूर्वानुमान करता है। यह संभवतः दुनिया की पहली मानव-केन्द्रित रक्षा प्रणाली बन सकती है, जहां न विस्फोट होगा, न मौतें—केवल डेटा और समझदारी से खतरा टाला जाएगा। भारत उन देशों में शामिल हो गया है जो डिफेंस में 'detect and destroy' की जगह 'sense and neutralize' की ओर बढ़ रहे हैं।
ISRO और DRDO की साझा क्रांति
ISRO और DRDO की साझा क्रांति
इस तकनीक का विकास केवल रक्षा में नहीं, बल्कि AI और स्पेस रिसर्च के भारतीय कौशल को भी दर्शाता है। ISRO द्वारा भेजे गए माइक्रोवेव सेंसर और थर्मल इमेजिंग डेटा से अब दुश्मन की 'intention' पढ़ी जा सकेगी। यह वही तकनीक है जिसने चंद्रमा की सतह के तापमान को मापा था। DRDO इस तकनीक को सीमावर्ती क्षेत्रों में लागू कर रहा है, जहां घुसपैठ और तनाव बढ़ रहा है। यह तकनीक सुरक्षाबलों को बताएगी कि कब सतर्क रहना है—बिना किसी गोलीबारी के।
भावना बनाम बारूद: भविष्य की लड़ाई
भविष्य की लड़ाई: भावना बनाम बारूद
इस AI-सक्षम सिस्टम का मुख्य उद्देश्य केवल युद्ध जीतना नहीं, बल्कि युद्ध को शुरू ही न होने देना है। यदि कोई सैनिक पलटने वाला है या डरा हुआ है, तो सिस्टम पहले ही उसे निष्क्रिय करने की योजना बना लेगा। इससे जानें भी बचेंगी और युद्ध का खर्च भी। यह तकनीक भारत को न केवल तकनीकी रूप से शक्तिशाली बना रही है, बल्कि उसे वैश्विक रक्षा नैतिकता में एक नई दिशा भी दे रही है। चंद्रयान की शांति अब युद्ध में संवेदना बनकर उतर रही है।