IAF Pilot Lokendra Singh: शहीद पायलट की कहानी और उनका परिवार
IAF पायलट लोकेंद्र सिंह का दुखद निधन
IAF Pilot Lokendra Singh: राजस्थान के चूरू में बुधवार को भारतीय वायुसेना का एक ट्रेनर जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह शहीद हो गए। यह जगुआर विमान का इस वर्ष तीसरा हादसा है, जिससे इसकी सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। शहीद पायलट लोकेंद्र सिंह का जन्म हरियाणा के रोहतक के खेड़ी साध गांव में हुआ था। उन्होंने 10 जून को पिता बनने का सुख प्राप्त किया था और 30 जून को ड्यूटी पर लौटे थे।
अंतिम बातचीत और बेटे की तस्वीरें
अंतिम राइड से शेयर कीं थी बेटे की फोटो
हादसे से पहले, लोकेंद्र ने जगुआर विमान में उड़ान भरने से पहले अपने पिता जोगिंदर को फोन किया था। उन्होंने अपने एक महीने के बेटे की कुछ तस्वीरें परिवार के ग्रुप में साझा की थीं। लेकिन किसी को नहीं पता था कि यह उनकी अपने पिता से अंतिम बातचीत थी।
परिवार का वायुसेना से संबंध
वायुसेना से है पुराना नाता
लोकेंद्र सिंह का परिवार हरियाणा के रोहतक में निवास करता है, जबकि उनका मूल गांव खेड़ी साध है। उनकी पत्नी सुरभि सिंधु एक डॉक्टर हैं और उन्होंने अपने मायके हिसार में बेटे को जन्म दिया। लोकेंद्र अपने परिवार में पहले वायुसेना के सदस्य नहीं हैं; उनकी बहन अंशी भी भारतीय वायुसेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर के रूप में सेवा दे चुकी हैं।
IAF में करियर की शुरुआत
2011 में ज्वाइन किया थी एयरफोर्स
32 वर्षीय लोकेंद्र सिंह ने 2011 में भारतीय वायुसेना में शामिल होने का निर्णय लिया। उनके पिता जोगिंदर सिंह महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से 2023 में अधीक्षक के पद से रिटायर हुए हैं, जबकि उनकी मां शिक्षिका हैं। लोकेंद्र ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की और 12वीं कक्षा के बाद पहले प्रयास में NDA की परीक्षा पास की। उन्हें 2015 में कमीशन मिला था।