Shiv Sena का एशिया कप 2025 पर विरोध: क्या क्रिकेट और राजनीति का टकराव है?
Shiv Sena का एशिया कप 2025 के खिलाफ प्रदर्शन
Shiv Sena Protest Against Asia Cup 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप क्रिकेट मैच को लेकर महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT) ने रविवार को कई स्थानों पर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने इस मैच को राष्ट्र की भावनाओं के खिलाफ बताते हुए इसे "देश का अपमान" कहा। यह विरोध इस साल अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद के ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में किया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
टीवी सेट तोड़कर जताया विरोध
मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने एक प्रदर्शन के दौरान टीवी सेट तोड़कर मैच के प्रसारण का प्रतीकात्मक विरोध किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने "क्रिकेट से हमको बैर नहीं, पाकिस्तान तेरी खैर नहीं" और "भारत माता की जय" जैसे नारे लगाए। टीवी सेट टूटने के बाद उन्होंने उसे पांव से रौंदते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की।
भारतीयों की भावनाओं से खेलना ठीक नहीं...
दुबे ने इस कदम को एक संदेश बताया कि वे इस मैच का प्रसारण नहीं चाहते और इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान एक आतंकवादी राष्ट्र है, इसे बहिष्कार करो। हम बीसीसीआई और आईसीसी को यह संदेश देना चाहते हैं कि 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं से खेलना किसी का अधिकार नहीं।"
सच्चे देशभक्त हैं तो मैच से लौट आएं खिलाड़ी
उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों से भी अपील की कि अगर वे सच्चे देशभक्त हैं तो मैच से वापस लौट आएं, चाहे वह आखिरी वक्त ही क्यों न हो। दुबे ने कहा, "अगर आप खेलते हैं, तो हम आपका बहिष्कार करेंगे और आलोचना करेंगे क्योंकि देश से बड़ा कुछ नहीं।"
सैनिकों की शहादत के बीच खेलना अस्वीकार्य
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य में "सिंदूर विरोध" अभियान की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों की शहादत के बीच पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना अस्वीकार्य है। ठाकरे ने सवाल उठाया कि बीसीसीआई पाकिस्तान के साथ मैच खेलने को लेकर इतना उत्साहित क्यों है – क्या यह टीवी रेवेन्यू या खिलाड़ियों की फीस की लालच है?
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान भारत में एशिया कप का बहिष्कार कर सकता है, तो बीसीसीआई भी ऐसा क्यों नहीं कर सकता। ठाकरे ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी चिंता जताई और ट्वीट किया, "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, तो क्रिकेट और खून कैसे साथ रह सकते हैं?"
विपक्षी पार्टियों का भी विरोध
इस विवाद पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी बीजेपी और बीसीसीआई की कड़ी आलोचना की। कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह मैच उन 26 परिवारों के प्रति अपमानजनक है, जिनके सदस्य आतंकवादी हमले में मारे गए थे। एनसीपी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने इसे सरकार और सत्ताधारी दल की "दोहरी नीति" बताया।
क्रिकेट प्रशासन का बचाव
वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री और क्रिकेट प्रशासक आशिष शेलार ने इस फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट राजनीतिक द्विपक्षीय मतभेदों से प्रभावित नहीं हो सकते। शेलार ने स्पष्ट किया, "भारत पाकिस्तान नहीं जाएगा और पाकिस्तान भी भारत नहीं जाएगा, लेकिन हम अपनी टीम को बहुपक्षीय टूर्नामेंट में खेलने से रोक नहीं सकते।"
मैच का समय और स्थान
भारत और पाकिस्तान के बीच यह हाई-वोल्टेज मुकाबला एशिया कप के तहत रविवार शाम अबू धाबी में खेला जाना है। दोनों टीमों के बीच मुकाबला हमेशा से ही क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण रहा है, लेकिन इस बार राजनीतिक और सामाजिक तनाव के कारण यह मैच और भी ज्यादा चर्चा में है.
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर देश में राजनीतिक, सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर गहरा प्रभाव पड़ा है। जहां शिवसेना (यूबीटी) और विपक्षी दल इसे राष्ट्रीय भावनाओं का अपमान मानते हैं, वहीं क्रिकेट प्रशासन इसे खेल और कूटनीति से अलग रखते हुए इसे जारी रखने की बात कह रहा है। ऐसे में यह मुकाबला केवल एक खेल नहीं, बल्कि राष्ट्र की राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाओं का भी प्रतीक बन गया है.