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अंबाला में इलेक्ट्रिक बसों की गति में कमी से यात्रियों में असंतोष

अंबाला में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन 10 महीने से हो रहा है, लेकिन इनकी गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे पर स्थिर है। सामान्य रोडवेज बसें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं, जिससे यात्रियों को समय पर गंतव्य तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। महाप्रबंधक ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर गति बढ़ाने की मांग की है। क्या अधिकारियों द्वारा इस समस्या का समाधान किया जाएगा? जानिए पूरी जानकारी इस लेख में।
 

अंबाला में इलेक्ट्रिक बसों का प्रदर्शन

अंबाला (इलेक्ट्रिक बसें)। अंबाला में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन अब 10 महीने से अधिक समय से हो रहा है। हालांकि, ये बसें अभी भी 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही हैं। इसके विपरीत, सामान्य रोडवेज बसें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं। यमुनानगर जाने में सामान्य बसें एक घंटे का समय लेती हैं, जबकि इलेक्ट्रिक बसों को डेढ़ घंटे से अधिक समय लग रहा है।


इलेक्ट्रिक बसों की गति में सुधार की आवश्यकता

कई यात्री लेट होने के कारण इलेक्ट्रिक बसों में यात्रा करने से बचते हैं। अधिकारियों ने कंपनी और पंचकूला में विभाग के साथ कई बार पत्राचार किया है, लेकिन अभी तक इन बसों की गति में कोई सुधार नहीं हुआ है।


जीएम रोडवेज का पत्र

अंबाला डिपो के महाप्रबंधक अश्वनी डोगरा ने पंचकूला स्थित हरियाणा शहरी बस सेवा लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर इलेक्ट्रिक बसों की गति बढ़ाने की मांग की है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि डिपो से नारायणगढ़, कालका, बराडा और यमुनानगर मार्ग पर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है।


कम गति के कारण यात्री इन बसों में बैठने से हिचकिचाते हैं, क्योंकि वे समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते। परिचालकों ने भी इस मुद्दे को उठाया है। अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि अंबाला कैंट से नारायणगढ़, कालका, बराडा और यमुनानगर मार्ग की बसों की गति सीमा 65 किलोमीटर प्रति घंटे की जाए।