अमेरिका के लिए ईरान पर हमले के संभावित ठिकाने
मध्य पूर्व में अमेरिका की रणनीति
मध्य पूर्व के एयरबेस और कैंप अमेरिका को ईरान को निशाना बनाने में मदद कर सकते हैं: ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे न्यूक्लियर खतरे की आशंका भी बढ़ गई है। इस बीच, अमेरिका की भूमिका पर सभी की नजरें हैं। हाल ही में G7 बैठक में, डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से समर्पण की मांग की है, लेकिन ईरान ने झुकने से इनकार कर दिया है। अब खबरें आ रही हैं कि अमेरिका भी इस संघर्ष में शामिल हो सकता है। जानिए उन मध्य पूर्व के ठिकानों के बारे में, जहां से अमेरिका ईरान पर हमला कर सकता है।
अमेरिका ने पहले ही इजरायल को खुला समर्थन दिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलें और ड्रोन हमले शुरू कर दिए हैं। अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज दक्षिण चीन सागर से मध्य पूर्व की ओर बढ़ रहा है, और 30 केसी-135 और केसी-46 टैंकर यूरोप से मध्य पूर्व भेजे जा चुके हैं। दूसरी ओर, ईरान ने अपने खैबर शेकन मिसाइलों को अंडरग्राउंड बंकरों से बाहर निकाल लिया है और चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका युद्ध में शामिल होता है, तो कतर, बहरीन और यूएई में अमेरिकी ठिकाने उसके निशाने पर होंगे।
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यदि अमेरिका युद्ध में शामिल होता है, तो उसके पास मध्य पूर्व में कई ठिकाने हैं, जहां से वह ईरान को निशाना बना सकता है। पहला ठिकाना है 'कतर का अल उदेद एयर बेस', जहां 10,000 सैनिक और 100 विमान तैनात हैं। दूसरा ठिकाना 'बहरीन में नेवल सपोर्ट एक्टिविटी' है, जहां 9,000 सैनिक और अमेरिकी नौसेना का पांचवां बेड़ा मौजूद है, जो ईरान को समुद्र से निशाना बना सकता है। तीसरा ठिकाना 'कुवैत का कैंप अरिफजान' है, जो लॉजिस्टिक्स का केंद्र है। चौथा ठिकाना 'जॉर्डन का मुवफ्फक साल्ती एयर बेस' है, जहां से ट्रंप एफ-15ई स्ट्राइक ईगल विमानों से ईरान पर हमला कर सकते हैं।