असम के प्रिय गायक Zubeen Garg का निधन: अंतिम संस्कार की तैयारी और श्रद्धांजलि का सिलसिला
Zubeen Garg का निधन और शोक की लहर
Zubeen Garg: असम के प्रसिद्ध गायक और अभिनेता जुबीन गर्ग के निधन से पूरे राज्य में शोक का माहौल है। रविवार को उनके प्रशंसकों ने जोरहाट में राष्ट्रीय राजमार्ग 37 को कई घंटों तक जाम कर दिया, यह मांग करते हुए कि उनका पार्थिव शरीर उस शहर लाया जाए, जहां उन्होंने अपने बचपन के दिन बिताए थे। उल्लेखनीय है कि जुबीन का निधन पिछले सप्ताह सिंगापुर में समुद्र में डूबने से हुआ था, यह घटना नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में उनकी प्रस्तुति से ठीक एक दिन पहले हुई।
दिल्ली में अंतिम दर्शन और गुवाहाटी में श्रद्धांजलि
शुक्रवार को निधन के बाद, रविवार को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया, जहां असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनका स्वागत किया। इसके बाद शव को गुवाहाटी ले जाया गया, जहां हजारों प्रशंसक और समर्थक सड़कों पर उमड़ पड़े और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अंतिम संस्कार की तिथि और स्थान
23 सितंबर को होगा अंतिम संस्कार
जोरहाट में भी बड़ी संख्या में लोगों ने अंतिम संस्कार या कम से कम अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को वहां लाने की मांग की। हालांकि, मुख्यमंत्री सरमा ने स्पष्ट किया कि शव को वहां ले जाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि जुबीन का अंतिम संस्कार गुवाहाटी के पास कमरकुची एनसी गांव में 23 सितंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
परिवार की स्थिति और अंतिम संस्कार का निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया था, जिसमें परिवार की इच्छा को ध्यान में रखा गया। जुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग और उनकी बहन पामले बोरठाकुर ने बताया कि उनके 85 वर्षीय बीमार पिता के कारण परिवार के लिए जोरहाट जाना संभव नहीं है। इसलिए गुवाहाटी या उसके आसपास अंतिम संस्कार करना ही उचित रहेगा।
जुबीन के नाम से स्मारक बनाने की घोषणा
जुबीन के नाम से स्मारक बनाने की घोषणा
सरकार ने जोरहाट की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए निर्णय लिया है कि जुबीन गर्ग की अस्थियों का विसर्जन वहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, जोरहाट और गुवाहाटी दोनों स्थानों पर उनके नाम से स्मारक बनाने की भी घोषणा की गई है।
जुबीन गर्ग का असम और पूरे उत्तर-पूर्व भारत में एक विशेष स्थान रहा है। उनके निधन से संगीत और फिल्म जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके प्रशंसक उन्हें न केवल गायक बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में याद कर रहे हैं।