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उत्तर प्रदेश के मंत्री को बिजली विभाग के JE से मिली दुर्व्यवहार की शिकायत

उत्तर प्रदेश के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही को सीतापुर में बिजली कटौती के मुद्दे पर जूनियर इंजीनियर रमेश मिश्रा से दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। राही ने खराब ट्रांसफार्मर को खुद लाकर पावरहाउस में जमा किया। इस घटना के बाद ऊर्जा मंत्री ने JE को निलंबित कर दिया और विभागीय विफलता पर कड़ा संदेश दिया। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे की वजहें।
 

मामले का संक्षिप्त विवरण

उत्तर प्रदेश के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही को सीतापुर जिले में बिजली कटौती की समस्या पर जूनियर इंजीनियर (JE) रमेश मिश्रा से कथित दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। जब मिश्रा ने मंत्री से कहा, "ट्रांसफार्मर खुद लाओ," तो राही ने नाराज होकर खराब ट्रांसफार्मर को अपने वाहन में लादकर हुसैनगंज पावरहाउस पहुंचाया और उसे जमा किया।


घटना का विस्तृत विवरण

क्या हुआ था?

यह घटना हरगांव क्षेत्र के कोरिया उदनापुर गांव की है, जहां 24 घंटे से बिजली की आपूर्ति ठप थी। जब राही ने JE मिश्रा से खराब ट्रांसफार्मर के बदलने की बात की, तो मिश्रा ने कथित तौर पर असभ्य जवाब दिया। राही ने मिश्रा को "अक्षम" बताते हुए उन पर जन शिकायतों की अनदेखी और भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री को बार-बार चेतावनी देने के बावजूद विभाग में कोई सुधार नहीं हुआ।


विभागीय कार्रवाई

विभागीय विफलता और कार्रवाई

राही ने कहा, "यह मामला न केवल प्रशासन की नाकामी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों को विभागीय उदासीनता के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है।" इस घटना के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मिश्रा को तुरंत निलंबित कर दिया। शर्मा ने X पर लिखा, "सीतापुर के हरगांव में बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर का माननीय राज्यमंत्री श्री सुरेश राही जी के प्रति असभ्य व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। उनकी असंवेदनशीलता और लापरवाही अक्षम्य है।"


कड़ा संदेश

कड़ा संदेश

शर्मा ने कहा कि यह विभागीय प्रबंधन में "ऊपर से नीचे तक की विफलता" को दर्शाता है। उन्होंने सभी बिजली विभाग कर्मचारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसा आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राही से व्यक्तिगत बातचीत के बाद शर्मा ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया।