×

एलटीपीओ और एलआईपीओ डिस्प्ले: तकनीकी तुलना और विशेषताएँ

एलटीपीओ और एलआईपीओ डिस्प्ले तकनीकों की तुलना करते हुए, यह लेख उनके कार्य और विशेषताओं को स्पष्ट करता है। जानें कि कैसे LTPO ऊर्जा दक्षता में सुधार करता है और LIPO डिस्प्ले को बेज़ल-लेस अनुभव प्रदान करता है। इस जानकारी से आपको अपने अगले डिवाइस के डिस्प्ले के बारे में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
 

एलटीपीओ बनाम एलआईपीओ डिस्प्ले

एलटीपीओ और एलआईपीओ डिस्प्ले: किसी टच स्क्रीन डिवाइस की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उसका डिस्प्ले होता है। इसे बनाने के लिए एलटीपीओ और एलआईपीओ जैसी दो अलग-अलग तकनीकों का उपयोग किया जाता है। कई ब्रांड्स इन तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। LTPO का अर्थ है 'लो टेम्परेचर पॉलीक्रिस्टलाइन ऑक्साइड', जो OLED डिस्प्ले में एक बैकप्लेन तकनीक है। दूसरी ओर, LIPO का मतलब है लो इंजेक्शन प्रेशर ओवरमोल्डिंग, जो एक पैकेजिंग तकनीक है। इस प्रकार, जबकि दोनों का उपयोग डिस्प्ले में होता है, उनके उद्देश्य पूरी तरह से भिन्न हैं। आइए जानते हैं कि ये दोनों तकनीकें कैसे भिन्न हैं।


एलटीपीओ डिस्प्ले: यह तकनीक डिवाइस को परिवर्तनशील रिफ्रेश रेट सपोर्ट करने में सक्षम बनाती है, जिससे इसकी ऊर्जा दक्षता में सुधार होता है। LTPO डिस्प्ले में LTPS (निम्न-तापमान पॉलीक्रिस्टलाइन सिलिकॉन) और IGZO (इंडियम गैलियम ज़िंक ऑक्साइड) दोनों प्रकार के ट्रांजिस्टर होते हैं। इनका संयोजन इसे आवश्यक कार्य के अनुसार 1Hz से लेकर 120+Hz तक की रिफ्रेश दरों पर चलने की क्षमता प्रदान करता है। वर्तमान में, अधिकांश प्रमुख फ्लैगशिप स्मार्टफ़ोन में LTPO डिस्प्ले का उपयोग किया जा रहा है।


एलआईपीओ डिस्प्ले: यह तकनीक लिक्विड पॉलीमर का उपयोग करती है, जिससे डिस्प्ले को फ्रेम में पूरी तरह से सील किया जा सकता है। चूंकि लिक्विड पॉलीमर केवल किनारों पर लगाया जाता है, यह तकनीक डिस्प्ले के चारों ओर बेज़ल को कम करने में मदद करती है, जिससे फुल स्क्रीन अनुभव मिलता है। ध्यान देने योग्य है कि Apple की Watch 7 सीरीज़ इस डिस्प्ले तकनीक को पेश करने वाली पहली कंपनी थी, और इसके बाद इसे iPhone 15 सीरीज़ के कुछ मॉडलों और Xiaomi 15 सीरीज़ में भी देखा गया है। इसके अलावा, Meizu भी एक ऐसा ब्रांड है जिसने LIPO तकनीक का उपयोग किया है।