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कनेर: औषधीय गुणों से भरपूर एक अद्भुत पौधा

कनेर एक अद्भुत औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। प्राचीन काल से लेकर आज तक, इसके गुणों का लाभ उठाया जा रहा है। जानें कनेर के फायदे, इसके उपयोग और कैसे यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
 

कनेर के औषधीय लाभ

हमारे चारों ओर मौजूद पेड़-पौधे औषधीय गुणों से परिपूर्ण होते हैं। प्राचीन काल में ऋषि-मुनि इन पौधों का उपयोग कर दवाइयां तैयार करते थे। आज भी कई आयुर्वेदिक औषधियों में इनका इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण पौधा है कनेर, जिसके आयुर्वेदिक गुण अत्यधिक हैं और इसके लाभों की सूची बहुत लंबी है।




  • कनेर का उपयोग पीठ दर्द, गले में सूजन, लकवा, आंखों की बीमारियों, बिच्छू के विष, ततैया के काटने, खुजली, मूत्र संबंधी समस्याओं, पेट के कीड़ों, घाव, त्वचा रोग, चेहरे की सुंदरता बढ़ाने, और कुष्ठ रोग जैसी कई बीमारियों में किया जाता है।



  • लकवा के मामले में कनेर का पौधा अत्यधिक फायदेमंद होता है। इसके लिए कनेर का तेल बनाना होता है, जिसमें कनेर के अलावा सफेद कनेर की मूली की छाल, काले धतूरे के पत्ते और गुंजा मिलाए जाते हैं। इन सामग्रियों को एक कप पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। फिर एक कढ़ाई में एक कप तेल डालकर इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकाएं। यह तेल लकवा से पीड़ित व्यक्ति के हाथ-पैरों की मालिश करने से लाभ पहुंचाता है।



  • जिन लोगों के दांत हिलने लगे हैं और खाने में परेशानी हो रही है, उन्हें सफेद कनेर की लकड़ी से दातुन करने की सलाह दी जाती है। इससे उनके दांत मजबूत हो जाएंगे।