कपूर कचरी: बालों की समस्याओं का प्राकृतिक समाधान
बालों की समस्याओं का समाधान
नई दिल्ली: खराब जीवनशैली का प्रभाव बालों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। कम उम्र में ही बालों का झड़ना, गंजापन और सफेद होना आम समस्याएं बन गई हैं। लेकिन आयुर्वेद में एक विशेष औषधि है, जो इन समस्याओं को रोकने में मदद कर सकती है।
कपूर कचरी, जो गुणों से भरपूर है, बालों के लिए एक औषधि के रूप में कार्य करती है और बालों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान करती है।
इसका वैज्ञानिक नाम हेडिचियम स्पाइकेटियम है और आयुर्वेद में इसे बालों और त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। कपूर कचरी आमतौर पर हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है और सदियों से इसका उपयोग बालों को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है।
कपूर कचरी में एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो बालों की वृद्धि में सहायक होते हैं। यह न केवल बालों के लिए, बल्कि त्वचा पर होने वाले संक्रमणों के लिए भी उपयोगी है। इसकी सुगंध भी बहुत आकर्षक होती है।
यदि आपके बाल बहुत झड़ रहे हैं, रूसी की समस्या है या बाल सफेद हो रहे हैं, तो आप बाजार से साबुत कपूर कचरी या इसका पाउडर खरीद सकते हैं। साबुत कपूर कचरी को सुखाकर उसका पाउडर बना सकते हैं। पहले इसे पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और बालों की जड़ों में हल्की मसाज करें।
इस पेस्ट को 20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर धो लें। इससे बालों की जड़ें मजबूत होंगी और बालों में रूखापन नहीं आएगा। पानी के अलावा, इसे एलोवेरा, शहद या ग्लिसरीन के साथ भी मिलाया जा सकता है।
कपूर कचरी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो स्कैल्प पर मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और रक्त संचार को बढ़ाते हैं। रक्त संचार में वृद्धि से बालों की वृद्धि में सुधार होता है और जो छोटे बाल स्कैल्प से निकल नहीं पाते, उन्हें भी मजबूती मिलती है।
यदि आपके बाल दोमुंहे या बहुत रूखे हैं, तो कपूर कचरी के पाउडर को नारियल के दूध के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इससे बालों को नमी और पोषण दोनों मिलेगा। इस पेस्ट को 20 मिनट तक रखें और फिर शैम्पू से धो लें, लेकिन ध्यान रखें कि बालों पर किसी प्रकार का रंग न हो।