कादरी-2 मूंगफली: जून में बुवाई से अधिक लाभ और कम समय में 25 क्विंटल उपज
कादरी-2 मूंगफली की खेती का लाभ
कादरी-2 मूंगफली की खेती: जून में बुवाई से अधिक लाभ और कम समय में 25 क्विंटल उपज: हरियाणा के किसानों के लिए मूंगफली की खेती एक लाभकारी विकल्प बनती जा रही है, विशेषकर कादरी-2 किस्म के साथ।
यह उन्नत किस्म न केवल कम लागत में अधिक उपज देती है, बल्कि इसकी 51% तक तेल की मात्रा और रोगों के प्रति उच्च प्रतिरोधक क्षमता के कारण इसकी मांग बाजार में बढ़ रही है।
जून का महीना इसकी बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है, और उचित देखभाल के साथ किसान प्रति एकड़ 20 से 25 क्विंटल तक की शानदार फसल प्राप्त कर सकते हैं। यह किस्म उन किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है जो पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया और आर्थिक रूप से लाभकारी करना चाहते हैं। कादरी-2 मूंगफली
कादरी-2 मूंगफली की सबसे बड़ी विशेषता इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है, जो इसे पत्तियों पर धब्बे जैसे रोगों से सुरक्षित रखती है। यह किस्म सूखे और विपरीत मौसम में भी अच्छा उत्पादन देती है, जिससे किसानों को नुकसान का जोखिम कम होता है।
इसमें तेल की उच्च मात्रा (51%) इसे तेल उद्योग के लिए आकर्षक बनाती है, जिससे किसानों को बाजार में बेहतर कीमत मिलती है। यह किस्म 110 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिससे कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलता है।
कादरी-2 मूंगफली की खेती के लिए खेत की तैयारी बहुत महत्वपूर्ण है। हल्की पीली दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे उपयुक्त होती है। खेत को तीन से चार बार गहरी जुताई करनी चाहिए और गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ानी चाहिए।
यह न केवल पोषक तत्वों को बनाए रखता है, बल्कि मिट्टी में नमी भी बरकरार रखता है, जो फसल की वृद्धि के लिए अनुकूल है। समय पर सिंचाई और खाद प्रबंधन से उपज को और बेहतर किया जा सकता है।
कृषि प्रशिक्षण केंद्रों पर कादरी-2 मूंगफली की खेती के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें किसानों को आधुनिक तकनीक, खाद का सही उपयोग, सिंचाई के तरीके, और फसल सुरक्षा के उपाय सिखाए जाते हैं। यह प्रशिक्षण किसानों को आत्मविश्वास देता है और उनकी आय बढ़ाने में मदद करता है।
किसानों से अनुरोध है कि वे स्थानीय कृषि केंद्रों से संपर्क करें और इस लाभकारी किस्म की खेती शुरू करें। कादरी-2 के साथ मूंगफली की खेती न केवल आर्थिक समृद्धि लाएगी, बल्कि यह हरियाणा के किसानों के लिए एक नई दिशा भी दिखाएगी।