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क्या अमेरिका में 996 वर्क कल्चर का बढ़ता प्रभाव कर्मचारियों के लिए खतरा है?

सिलिकॉन वैली में 996 वर्क कल्चर का बढ़ता प्रभाव कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। यह मॉडल, जो चीन में लोकप्रिय था, अब अमेरिकी कंपनियों में भी अपनाया जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, कुछ AI स्टार्टअप्स कर्मचारियों से हफ्ते में 70 घंटे काम करने की अपेक्षा कर रहे हैं। इस लेख में जानें कि कैसे यह कल्चर कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और कार्य-जीवन संतुलन को खतरे में डाल सकता है।
 

996 वर्क कल्चर: एक नया विवादित मॉडल

996 Work Culture: सिलिकॉन वैली, जो पहले आरामदायक कार्य-जीवन संतुलन और लचीले काम के लिए जानी जाती थी, अब एक नए और विवादास्पद कार्य मॉडल की ओर बढ़ रही है। अमेरिका अब एक ऐसे मॉडल की ओर अग्रसर है, जिसमें कर्मचारियों से रोबोट की तरह काम करने की अपेक्षा की जा रही है।


चीन का 996 वर्क कल्चर

अमेरिकी कंपनियां अब चीन के कुख्यात 996 वर्क कल्चर को अपनाने लगी हैं। इस मॉडल के तहत कर्मचारियों से रोजाना 12 घंटे और हफ्ते में 6 दिन काम करने की अपेक्षा की जाती है। चीन में यह कल्चर पहले बहुत लोकप्रिय था, लेकिन इसके कारण कर्मचारियों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ा और कई मौतें भी हुईं। अब यह पैटर्न अमेरिकी टेक उद्योग, विशेषकर AI स्टार्टअप्स में भी देखने को मिल रहा है।


996 वर्क कल्चर का अर्थ

क्या है 996 वर्क कल्चर? 996 वर्क शेड्यूल का अर्थ है सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक, हफ्ते में 6 दिन काम करना। यह शेड्यूल चीन में कई वर्षों तक प्रचलित रहा। हालांकि, लंबे समय तक काम के दबाव और कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव के कारण इसे समाप्त करने की मांग उठी और कई कंपनियों ने इसे छोड़ दिया।


अमेरिका में 996 वर्क कल्चर का आगमन

अमेरिका पहुंचा चीनी वर्क कल्चर: रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका में कुछ AI स्टार्टअप्स ने इस मॉडल को अपनाना शुरू कर दिया है। इन कंपनियों में कर्मचारियों को हफ्ते में 70 घंटे तक काम करने के लिए तैयार रहना पड़ता है। सैन फ्रांसिस्को स्थित AI स्टार्टअप Rilla की एक जॉब पोस्टिंग इसका ताजा उदाहरण है, जिसमें लिखा था "अगर आप हफ्ते में 70 घंटे काम करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आवेदन न करें।"


कर्मचारियों पर प्रभाव

वर्कर्स पर पड़ने वाला असर: चीन में 996 वर्क कल्चर के कारण कई कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक बीमारियों का सामना करना पड़ा था। कुछ मामलों में लगातार दबाव के कारण कर्मचारियों की मौत तक हो गई। अब यह चिंता जताई जा रही है कि अमेरिका में भी यह कल्चर कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कार्य-जीवन संतुलन पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।