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क्या मोबाइल रिचार्ज प्लान्स में होगी अगली बढ़ोतरी? जानें क्या कहती है रिपोर्ट

भारत में मोबाइल रिचार्ज प्लान्स में संभावित बढ़ोतरी की खबरें सामने आई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर 2025 तक दरों में 10-12% की वृद्धि हो सकती है। हाल ही में एक्टिव यूजर्स की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जिससे कंपनियों को टैरिफ बढ़ाने का प्रोत्साहन मिला है। जानें इस विषय पर और क्या कहती हैं रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की राय।
 

मोबाइल यूजर्स के लिए चिंता का विषय

देशभर में करोड़ों मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए एक नई चिंता सामने आई है। टेलीकॉम कंपनियां अपने रिचार्ज प्लान्स को फिर से महंगा करने की योजना बना रही हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, लगातार पांचवें महीने नेट यूजर्स की संख्या में वृद्धि ने कंपनियों को टैरिफ बढ़ाने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर 2025 तक मोबाइल दरों में 10-12% की वृद्धि हो सकती है.


पिछली बढ़ोतरी का असर

जुलाई 2024 में कंपनियों ने अपने बेस प्लान की कीमतों में 11-23% तक की वृद्धि की थी। इस बार, कंपनियां टियर-आधारित मूल्य निर्धारण मॉडल को लागू कर सकती हैं, जिसमें डेटा लिमिट को कम करके उपयोगकर्ताओं को अलग से डेटा पैक खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा.


एक्टिव यूजर्स की संख्या में वृद्धि

मई 2025 में भारत में मोबाइल एक्टिव यूजर्स की संख्या 29 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो लगभग 1.08 अरब तक पहुंच गई। रिलायंस जियो ने 55 लाख नए यूजर्स जोड़े और अपनी हिस्सेदारी 1.5% बढ़ाकर 53% तक पहुंचा दी। वहीं, भारती एयरटेल ने 13 लाख नए एक्टिव यूजर्स जोड़े.


5G सेवाओं के साथ टैरिफ में बदलाव

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के अनुसार, जियो और एयरटेल की तेजी से बढ़ती ग्राहक संख्या और वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों में गिरावट ने टैरिफ वृद्धि के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, आगामी मूल्य वृद्धि डेटा उपयोग, स्पीड या समय आधारित हो सकती है, जिसका अर्थ है कि अधिक डेटा उपयोग करने वाले ग्राहकों को अधिक शुल्क चुकाना पड़ सकता है.


मिड और प्रीमियम यूजर्स पर प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि टेलीकॉम कंपनियां इस बार मिड और प्रीमियम श्रेणी के यूजर्स को मुख्य लक्ष्य बनाएंगी, ताकि आम यूजर्स पर कम प्रभाव पड़े। यह रणनीति उन्हें अतिरिक्त डेटा पैक और उच्च गति सेवाओं के लिए आकर्षित करने की होगी.


भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की नई शुरुआत

इस बीच, एक और महत्वपूर्ण खबर आई है। हैदराबाद स्थित Ananth Technologies भारत की पहली प्राइवेट कंपनी बन गई है जिसे स्वदेशी सैटेलाइट के माध्यम से ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने की अनुमति मिली है। IN-SPACe से स्वीकृति मिलने के बाद, कंपनी 4 टन का GEO कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगी, जिसकी शुरुआत 3,000 करोड़ रुपये के निवेश से होगी। कंपनी 100 Gbps की ब्रॉडबैंड स्पीड देने का दावा कर रही है। वहीं, एलन मस्क की Starlink को अब तक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के लिए मंजूरी नहीं मिली है, जिससे Ananth Technologies भारत के डिजिटल भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.