क्या विपक्ष विदेशी साजिश का शिकार हो गया है?
विपक्ष की निराशा और कार्यशैली पर सवाल
- विपक्ष की निराशा और कार्यशैली पर सवाल
संपादकीय: अंग्रेजी में एक कहावत है 'जॉइनिंग द डॉट्स', जिसका अर्थ है किसी गहरी साजिश को समझने के लिए बिंदुओं को जोड़ना। पिछले कुछ वर्षों में देश में जो अराजकता और फरेब की राजनीति चल रही है, उसकी जड़ें विदेशी ताकतों में दिखाई देती हैं।
विपक्ष, जो लगातार हार का सामना कर रहा है, सत्ता पाने के लिए झूठ और धोखे का सहारा ले सकता है। इस घिनौनी हरकत के लिए वे भारत विरोधी विदेशी तत्वों से मदद लेने में भी संकोच नहीं करते।
उदाहरण के लिए, विपक्ष ने संसद को चलने नहीं दिया। ऑपरेशन सिंदूर पर, विपक्ष के कुछ नेता छोड़कर सभी ने पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व में बयान दिए। उनके बयानों को पाकिस्तान में प्रमुखता से छापा गया।
पी चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या यह सच है कि पहलगाम में निर्दोषों की हत्या करने वाले पाकिस्तानी थे। विपक्ष ने भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय के बयानों को नजरअंदाज किया और पाकिस्तानी बयानों पर विश्वास किया।
अमेरिका की भारत के प्रति नकारात्मक दृष्टि
अमेरिका भारत की प्रगति से खुश नहीं
(लेखक आज समाज के कार्यकारी निदेशक हैं।)
अमेरिका की आंतरिक राजनीति भारत की प्रगति से खुश नहीं है। वहां का डीप स्टेट नरेंद्र मोदी की सरकार को कमजोर करने के लिए साजिशें करता रहा है। उनका उद्देश्य है कि भारत में एक कमजोर सरकार सत्ता में आए। पिछले आम चुनाव में अमेरिका ने मोदी को हराने के लिए भारी धनराशि खर्च की थी।
अमेरिका ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद दिलाने के लिए भी प्रयास किए। दो बार पाकिस्तान के फील्ड मार्शल को अमेरिका बुलाकर भारत के खिलाफ साजिशें की गईं।
विपक्ष का संसद में हंगामा
विपक्ष ने संसद में हंगामा किया
डोनाल्ड ट्रम्प ने बार-बार कहा कि उन्होंने भारत-पाक के बीच युद्ध विराम कराया, जिसे भारतीय तंत्र ने नकारा। विपक्ष ने संसद में हंगामा किया और चर्चा के समय को भी बाधित किया।
विपक्ष ने किसके इशारे पर यह अराजकता फैलाई, यह स्पष्ट है। जब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही थी, तब चुनाव आयोग द्वारा कुछ नामों को हटाने पर संसद ठप कर दी गई।
चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकी
चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकी
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान खतरे में है, लेकिन खतरा तब था जब उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों को धमकी दी। उनका कहना है कि जब वे सत्ता में आएंगे, तो सभी से निपटा जाएगा।
जब अमेरिका ने बांग्लादेश में चुनावी धांधली का आरोप लगाया था, तब वही प्रयोग भारत में भी करवाना चाहता है, जिसमें विपक्ष अमेरिका का साथ दे रहा है।
हालांकि, भारतीय जनता की सतर्कता और विपक्ष की घटती विश्वसनीयता के कारण वे सफल नहीं हो पाएंगे।