खाटूश्याम भक्तों के लिए विशेष ट्रेनें: निर्जला एकादशी पर यात्रा की सुविधा
खाटूश्याम विशेष ट्रेनें: भक्तों के लिए खुशखबरी
खाटूश्याम विशेष ट्रेनें: निर्जला एकादशी पर भक्तों के लिए विशेष ट्रेनें चलेंगी: हरियाणा के रेवाड़ी और आस-पास के क्षेत्रों में खाटूश्याम धाम के भक्तों के लिए एक अच्छी खबर आई है।
निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर, जब श्रद्धालुओं की भीड़ खाटूश्याम मंदिर की ओर बढ़ती है, रेलवे ने भक्तों की सुविधा के लिए तीन दिनों तक विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। ये ट्रेनें रेवाड़ी से रींगस स्टेशन तक संचालित होंगी, जिससे भक्तों को बाबा श्याम के दर्शन के लिए आसान और आरामदायक यात्रा का अवसर मिलेगा। यह पहल न केवल श्रद्धालुओं के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि रेलवे धार्मिक यात्राओं को कितनी गंभीरता से लेता है।खाटूश्याम विशेष ट्रेनें
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि निर्जला एकादशी, जिसे बड़ी एकादशी के रूप में जाना जाता है, के दौरान खाटूश्याम धाम में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। रेवाड़ी और नारनौल के भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, रेवाड़ी-रींगस-रेवाड़ी मार्ग पर दो विशेष ट्रेनों को मंजूरी दी गई है।
ट्रेन नंबर 09633, रेवाड़ी-रींगस मेला विशेष ट्रेन, 5 जून से शुरू हो चुकी है और 7 जून तक तीन चक्कर लगाएगी। यह ट्रेन रेवाड़ी से रात 10:50 बजे रवाना होकर अगली रात 1:35 बजे रींगस पहुंचती है, और रास्ते में नारनौल में रात 12 बजे रुकती है।
दूसरी ट्रेन, नंबर 09634, रींगस-रेवाड़ी मेला विशेष ट्रेन, 6 जून से शुरू हो रही है। यह ट्रेन रींगस से रात 2:20 बजे चलकर सुबह 5:20 बजे रेवाड़ी पहुंचेगी। दोनों ट्रेनें अपने मार्ग में अटेली, नारनौल, डाबला, नीम का थाना, कांवट, और माधोपुर स्टेशनों पर रुकेंगी,
जिससे आसपास के क्षेत्रों के भक्तों को भी यात्रा करने में आसानी होगी। ये ट्रेनें निर्जला एकादशी के दौरान भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए शुरू की गई हैं, ताकि सभी को सुरक्षित और समय पर मंदिर पहुंचने का मौका मिले।
श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाते समय ट्रेनों की समय-सारणी की जांच करें और रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या स्टेशन से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें।
यह विशेष व्यवस्था खाटूश्याम धाम की यात्रा को और अधिक सुगम और आध्यात्मिक बनाएगी। रेलवे की इस पहल से भक्तों में उत्साह है, और वे बाबा श्याम के दर्शन के लिए तैयार हैं। यह कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ श्रद्धालुओं के विश्वास को भी मजबूत करता है।