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चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैगनेट्स की सप्लाई फिर से शुरू की

चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैगनेट्स की सप्लाई फिर से शुरू कर दी है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य तकनीकी उत्पादों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस कदम से भारतीय कंपनियों को राहत मिली है, लेकिन चीन ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। जानें इस सप्लाई के पीछे का कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

भारत को मिली राहत

नई दिल्ली: छह महीने की रोक के बाद, चीन ने भारत को रेयर अर्थ मैगनेट्स की सप्लाई फिर से शुरू कर दी है। ये शक्तिशाली चुम्बक इलेक्ट्रिक वाहनों, नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं। सप्लाई बहाल होने से भारतीय कंपनियों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इन चुम्बकों की कमी के कारण कई उत्पादन योजनाएं प्रभावित हो गई थीं।


चीन का बाजार पर नियंत्रण

चीन इस क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखता है, इसलिए उसकी किसी भी रोक का प्रभाव वैश्विक उद्योग पर पड़ता है। अब जब बीजिंग ने निर्यात फिर से शुरू किया है, तो भारत के ईवी और तकनीकी क्षेत्र को फिर से गति मिलने की उम्मीद है।


सप्लाई की शर्तें

एक रिपोर्ट के अनुसार, यह राहत बिना शर्तों के नहीं आई है। चीन ने स्पष्ट किया है कि भारत को मिलने वाले इन चुम्बकों को अमेरिका को दोबारा निर्यात नहीं किया जा सकेगा और न ही इनका उपयोग किसी सैन्य या रक्षा उद्देश्य के लिए किया जाएगा। बीजिंग ने भारत से यह गारंटी मांगी है कि यह सामग्री केवल घरेलू जरूरतों के लिए ही इस्तेमाल होगी।


व्यापारिक तनाव का प्रभाव

इस कदम के पीछे चीन और अमेरिका के बीच चल रहा व्यापारिक तनाव माना जा रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति की मुलाकात में दोनों देशों ने तनाव कम करने पर सहमति जताई थी, हालांकि रणनीतिक वस्तुओं पर नियंत्रण अभी भी जारी है।


भारतीय कंपनियों की स्थिति

भारत में चार कंपनियों — हिताची, कॉन्टिनेंटल, जे-उशिन और डीई डायमंड्स — को चीन से आयात की अनुमति मिल चुकी है। इन कंपनियों ने सभी आवश्यक मंजूरियां प्राप्त कर ली हैं। सप्लाई बहाल होने के संकेत मिलते ही उद्योग जगत में उम्मीदें बढ़ गई हैं। इसके साथ ही भारत और चीन के बीच कोलकाता और ग्वांगझू के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू हो गई हैं, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है।


चीन की गारंटी की मांग

चीन ने मांगी उपयोग की गारंटी
चीन ने हर खरीदार से एक अंतिम-उपयोगकर्ता प्रमाणपत्र मांगा है, जिसमें यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि खरीदी गई सामग्री का उपयोग किसी हथियार या सामूहिक विनाश के उपकरणों में नहीं किया जाएगा। भारतीय कंपनियों ने ये प्रमाणपत्र पहले ही जमा कर दिए थे, लेकिन चीन के वाणिज्य मंत्रालय में करीब 50 से अधिक आवेदन मंजूरी के इंतजार में थे। अब इनमें से कुछ को मंजूरी मिल चुकी है, जिससे सप्लाई लाइन फिर से शुरू हो गई है।


रेयर अर्थ मैगनेट्स का महत्व

क्यों जरूरी हैं रेयर अर्थ मैगनेट्स
ये अत्यंत शक्तिशाली चुम्बक आधुनिक तकनीक की रीढ़ माने जाते हैं। इनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के मोटर, विंड टर्बाइन, मोबाइल फोन, लैपटॉप और एयरोस्पेस उपकरणों में होता है। भारत में खासकर ईवी सेक्टर इनका सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने लगभग 870 टन रेयर अर्थ मैगनेट आयात किए थे, जिनकी कुल कीमत करीब 306 करोड़ रुपये थी।