जीएसटी परिषद की बैठक में ऑटोमोबाइल टैक्स में संभावित बदलाव
जीएसटी परिषद की बैठक का महत्व
जीएसटी परिषद की बैठक: भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन की संभावना है, क्योंकि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में कारों और मोटरसाइकिलों पर कर में संशोधन किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह परिषद यह निर्धारित करेगी कि भारत में क्या 'लग्जरी' और क्या 'मास मार्केट' है।
टैक्स स्लैब में बदलाव
जीएसटी परिषद मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, और 28%) को घटाकर दो स्लैब (5% और 18%) करने की योजना बना रही है। इससे 1,200 सीसी तक की छोटी पेट्रोल और हाइब्रिड कारों पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो सकता है। यह बदलाव मारुति सुजुकी और टोयोटा इंडिया जैसी कंपनियों के लिए फायदेमंद होगा, जो छोटी और हाइब्रिड कारों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। हालांकि, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा, जो इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान दे रही हैं, को नुकसान हो सकता है।
इलेक्ट्रिक कारों पर प्रभाव
इलेक्ट्रिक कारों को हो सकता है तगड़ा नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, यदि जीएसटी परिषद 20-40 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक कारों पर कर को वर्तमान 5% से बढ़ाकर 18% करने का निर्णय लेती है, तो यह एक कड़वी गोली साबित होगी। इसके अलावा, लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर 40% जीएसटी का प्रस्ताव टेस्ला और बीवाईडी जैसी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण है। टेस्ला का भारत में लंबे समय से इंतजार निराशाजनक रहा है, और अब तक केवल 600 बुकिंग ही हुई हैं। टेस्ला इस साल अपने शंघाई प्लांट से भारत में 350-500 यूनिट भेजने की योजना बना रही है, जबकि पहले 2,500 यूनिट का लक्ष्य था। दूसरी ओर, बीवाईडी ने 2021 से अब तक भारत में 10,000 लग्जरी इलेक्ट्रिक कारें बेची हैं।
दोपहिया उद्योग को राहत
दोपहिया उद्योग को राहत, लेकिन शर्तों के साथ
जीएसटी परिषद दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करने की मांग पर विचार कर रही है। यह हीरो मोटोकॉर्प और होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया जैसी कंपनियों के लिए राहत होगी, जो कम्यूटर मोटरसाइकिलों की बिक्री में गिरावट का सामना कर रही हैं। हालांकि, परिषद 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर 40% जीएसटी लगाने का प्रस्ताव रख सकती है, जिसका बजाज ऑटो और रॉयल एनफील्ड ने विरोध किया है।
राजस्व पर प्रभाव
राजस्व पर प्रभाव: नुकसान और लाभ का गणित
उद्योग निकाय SIAM और FADA के अनुसार, छोटी कारों पर 18% जीएसटी से ऑटो उद्योग को 25,000-30,000 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व नुकसान हो सकता है। उदाहरण के लिए, ₹6 लाख की कार पर 28% जीएसटी से ₹1.68 लाख का टैक्स मिलता है, जो 18% जीएसटी पर ₹1.08 लाख हो जाएगा। वहीं, लग्जरी कारों पर 40% टैक्स से केवल ₹5,000-7,000 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व होगा। दोपहिया वाहनों पर 10% की कटौती से ₹18,000-20,000 करोड़ का नुकसान होगा, जबकि 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलों पर उच्च कर से ₹1,500-2,000 करोड़ का लाभ होगा।
जीएसटी कटौती का उद्देश्य
जीएसटी कटौती क्यों?
सस्ती कारों और मोटरसाइकिलों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, जो राजस्व घाटे की भरपाई कर सकती है। आगामी त्योहारी सीजन में बिक्री में वृद्धि से जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जीडीपी में 20-30 आधार अंकों की वृद्धि कर राजस्व की कमी को संतुलित कर सकती है।