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डोनाल्ड ट्रंप का यूक्रेन पर नया रुख: पुतिन के खिलाफ सख्त कदम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को और अधिक रक्षात्मक हथियार भेजने का आदेश दिया है, जिससे उनकी पुतिन के प्रति नाराजगी स्पष्ट होती है। उन्होंने युद्धविराम की दिशा में पुतिन की असहमति जताई और सीनेट में रूस पर नए प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा। ट्रंप का यह कदम उनके समर्थकों द्वारा सराहा गया है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है।
 

यूक्रेन को और हथियार भेजने का ट्रंप का निर्णय

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने पुष्टि की है कि यूक्रेन को और अधिक रक्षात्मक हथियार भेजने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय पेंटागन द्वारा पहले हथियारों की आपूर्ति रोकने के बाद लिया गया है।


युद्धविराम पर ट्रंप की असहमति

ट्रंप ने युद्ध को जल्दी समाप्त करने के अपने पूर्व दावे से पलटते हुए कहा कि वे पुतिन से संतुष्ट नहीं हैं, जो यूक्रेन में युद्धविराम की दिशा में आगे बढ़ने से पीछे हट रहे हैं। यह उनके उस दृष्टिकोण के विपरीत है जिसमें उन्होंने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद युद्ध समाप्त करने का दावा किया था।


सीनेट में नए प्रतिबंधों का प्रस्ताव

ट्रंप ने कैबिनेट बैठक में यह भी बताया कि वे सीनेट में रूस के तेल, गैस, और यूरेनियम के आयात पर प्रतिबंध लगाने वाले नए विधेयक पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। इस विधेयक को उन्होंने 'वैकल्पिक विधेयक' कहा।


नेतन्याहू के साथ बैठक में पुतिन पर नाराजगी

सोमवार को इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि वे पुतिन के युद्ध को समाप्त न करने से निराश हैं। हाल के हफ्तों में रूस ने यूक्रेन पर कई रिकॉर्ड तोड़ ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं, जिससे ट्रंप की नाराजगी और बढ़ गई है।


पेंटागन का बदला हुआ रुख

हालांकि पेंटागन ने पिछले सप्ताह यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति रोक दी थी, ट्रंप के बयान के बाद उसने अपना निर्णय बदल दिया। पेंटागन प्रवक्ता सीन पार्नेल ने कहा कि वे यूक्रेन को अतिरिक्त रक्षात्मक हथियार भेजेंगे ताकि वह अपनी रक्षा कर सके और स्थायी शांति सुनिश्चित की जा सके।


समर्थकों का समर्थन

ट्रंप के इस कदम को उनके कई समर्थकों का समर्थन मिला है, जिनमें पूर्व रिपब्लिकन अध्यक्ष न्यूट गिंगरिच भी शामिल हैं। गिंगरिच ने कहा कि यह विधेयक पुतिन को स्पष्ट संदेश देगा कि वार्ता और हिंसा दोनों ही असफल रणनीतियां हैं।