दिल्ली सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: इंजीनियरिंग कैडर का गठन
दिल्ली में इंजीनियरिंग कैडर का गठन
नई दिल्ली - दिल्ली सरकार ने विकास से संबंधित निर्माण कार्यों में तेजी लाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के लिए एक अलग इंजीनियरिंग कैडर बनाने का निर्णय लिया है। यह महत्वपूर्ण सुधार मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया है, जो 'विकसित दिल्ली' की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे दिल्ली के सतत विकास और ढांचागत परियोजनाओं को गति मिलेगी, जिसका सीधा लाभ आम जनता को होगा।
कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी के पास अपना स्वतंत्र इंजीनियरिंग कैडर नहीं था, और विभाग की सभी सेवाएं केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) पर निर्भर थीं। वर्तमान में, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरिंग विंग में 3214 स्वीकृत पद सीपीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आते हैं, जिन पर नियुक्तियां केंद्र सरकार द्वारा की जाती हैं। इस व्यवस्था के कारण कई बार दिल्ली सरकार के कार्यों की गति प्रभावित होती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार को नए सचिवालय, सभी 11 जिलों में मिनी सचिवालयों, मंडियों और खेल मैदानों के निर्माण के लिए तेजी से कार्य करना है। यह तभी संभव है जब हमारे पास अपना इंजीनियरिंग कैडर हो। पिछले 30 वर्षों में इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था, इसलिए कैबिनेट ने इंजीनियरों के अलग कैडर को मंजूरी दी है।
इस निर्णय से दिल्ली सरकार को अपने स्तर पर इंजीनियरों की भर्ती करने और खाली पदों को भरने की शक्ति मिलेगी। इससे न केवल इंजीनियरिंग सेवाओं में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि एक विशेषीकृत और पारदर्शी कार्यबल भी तैयार होगा। इससे नागरिकों को बुनियादी ढांचे, सड़कों, पुलों और अन्य निर्माण कार्यों में बेहतर सेवाएं मिलेंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब इंजीनियरिंग विभाग की जवाबदेही तय होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'रिफॉर्म, परफॉर्म व ट्रांसफॉर्म' के सिद्धांत से प्रेरित है। यह सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे दिल्ली सरकार अपनी व्यवस्था को स्वयं बनाएगी। जब इंजीनियरों की नियुक्ति सीधे दिल्ली सरकार के अधीन होगी, तो विकास कार्यों की गति और पारदर्शिता में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नए कैडर की संरचना और कार्यप्रणाली तय करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी। प्रारंभिक चरण में, सीपीडब्ल्यूडी के इच्छुक अधिकारी इस नए कैडर का हिस्सा बन सकेंगे। यदि आवश्यक संख्या पूरी नहीं होती है, तो समिति की सिफारिश पर अन्य भर्ती प्रणाली अपनाई जाएगी। इस निर्णय से दिल्ली सरकार को अपनी विकास परियोजनाओं में और अधिक दक्षता और उत्तरदायित्व प्राप्त होगा।