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फ्लश डोर हैंडल: क्या ये आपकी कार की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं?

फ्लश डोर हैंडल आधुनिक कारों में एक नया ट्रेंड हैं, जो स्टाइल और एरोडायनामिक्स को बढ़ाते हैं। हालांकि, सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ये हैंडल आपातकालीन स्थितियों में खतरनाक साबित हो सकते हैं। जब कार की इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल होती है, तो ये हैंडल बाहर नहीं आते, जिससे अंदर फंसे यात्री बाहर नहीं निकल पाते। कई ऑटो कंपनियां इस समस्या का समाधान करने के लिए मैनुअल ओवरराइड फीचर जोड़ रही हैं, लेकिन क्या यह पर्याप्त है? जानें इस विषय पर और अधिक जानकारी।
 

फ्लश डोर हैंडल की सुरक्षा

फ्लश डोर हैंडल की सुरक्षा: आधुनिक कारों में स्टाइल और एरोडायनामिक डिज़ाइन में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। इनमें से एक प्रमुख ट्रेंड फ्लश डोर हैंडल है, जो कार के बॉडी पैनल में समतल रूप से फिट होते हैं। यह फीचर देखने में बेहद आधुनिक और लग्जरी लगता है, लेकिन हाल के समय में विशेषज्ञों और सुरक्षा एजेंसियों ने इसे एक बढ़ते खतरे के रूप में चिन्हित किया है। यह सवाल उठता है कि क्या आकर्षक डिज़ाइन के चलते सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है?


फ्लश डोर हैंडल क्या हैं?


फ्लश डोर हैंडल वे हैंडल होते हैं जो सामान्य कार के दरवाजे के हैंडल की तरह बाहर नहीं निकलते। इसके बजाय, ये दरवाजे की सतह में समतल रहते हैं और हल्के पुश या सेंसर टच पर बाहर की ओर खुलते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य कार की एरोडायनामिक्स को बेहतर बनाना, हवा के प्रतिरोध को कम करना और एक लग्जरी लुक प्रदान करना है। टेस्ला जैसे कई प्रीमियम कार निर्माता अब इन्हें स्टैंडर्ड फीचर के रूप में पेश कर रहे हैं।


सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंताएं


हालांकि फ्लश डोर हैंडल कार को आधुनिक बनाते हैं, लेकिन आपातकालीन स्थितियों में यह फीचर खतरनाक साबित हो सकता है। हाल ही में कई मामलों में देखा गया है कि दुर्घटना के बाद जब कार की इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल हो जाती है, तब फ्लश हैंडल बाहर नहीं आते। इससे मदद करने वाले लोगों को दरवाजा खोलने में कठिनाई होती है और अंदर फंसे यात्री बाहर नहीं निकल पाते।


कई सुरक्षा रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि इलेक्ट्रिक या सेंसर-आधारित सिस्टम दुर्घटना के बाद काम नहीं करते। आग लगने या पानी भरने की स्थिति में हैंडल को खोजना मुश्किल हो जाता है। रेस्क्यू टीम को कार को तोड़ने में अधिक समय लगता है, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका और यूरोप के कुछ सुरक्षा संगठनों ने ऐसे कई मामले दर्ज किए हैं, जहां हैंडल न खुलने के कारण रेस्क्यू प्रक्रिया में देरी हुई और गंभीर चोटें आईं।


क्या ऑटो कंपनियां कदम उठा रही हैं?


कई ऑटो कंपनियों ने अब फ्लश डोर हैंडल में मैनुअल ओवरराइड फीचर जोड़ना शुरू किया है, जिससे कार की बैटरी या सेंसर फेल होने पर भी दरवाजे को मैकेनिकल तरीके से खोला जा सके। हालांकि, यह सुविधा सभी मॉडलों में उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक सभी वाहन निर्माता इसमें विश्वसनीय मैकेनिकल सिस्टम नहीं जोड़ते, तब तक फ्लश डोर हैंडल को सुरक्षित नहीं माना जा सकता।


कुल मिलाकर, फ्लश डोर हैंडल कार के लुक और तकनीक को जरूर अपग्रेड करते हैं, लेकिन सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उपभोक्ताओं को कार खरीदते समय केवल डिज़ाइन पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि आपातकालीन सुरक्षा फीचर्स की भी जांच करनी चाहिए।