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ब्रिटिश सेना का प्रतिनिधिमंडल सारागढ़ी के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए फिरोजपुर आएगा

फिरोजपुर में 6 नवंबर को ब्रिटिश सेना का एक प्रतिनिधिमंडल सारागढ़ी गुरुद्वारे में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आएगा। यह दौरा शहीद सिख सैनिकों की वीरता को सम्मानित करने के लिए विशेष महत्व रखता है। डॉ. गुरिंदरपाल सिंह जोसन के नेतृत्व में, प्रतिनिधिमंडल स्मारक संग्रहालय का दौरा करेगा और युद्ध से जुड़े दस्तावेजों की प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम भारत और ब्रिटेन के ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
 

ब्रिटिश सेना का दौरा सारागढ़ी गुरुद्वारे में

फिरोजपुर: छावनी क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक सारागढ़ी गुरुद्वारे में, ब्रिटिश सेना का एक प्रतिनिधिमंडल 6 नवंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आएगा। यह प्रतिनिधिमंडल सारागढ़ी फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. गुरिंदरपाल सिंह जोसन के नेतृत्व में आएगा और वे सारागढ़ी गुरुद्वारे तथा स्मारक संग्रहालय का दौरा करेंगे। यह जानकारी संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरभेज सिंह टिब्बी ने साझा की।


गुरुपर्व के अवसर पर, जब पंजाबभर में गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव की तैयारियां चल रही हैं, यह दौरा शहीद सिख सैनिकों की वीरता को सम्मानित करने के लिए विशेष महत्व रखता है। डॉ. जोसन ने बताया कि सारागढ़ी का युद्ध विश्व इतिहास में एक अद्वितीय घटना है, जिसमें 21 सिख सैनिकों ने 10,000 दुश्मनों का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन हार नहीं मानी। यह सिख रेजिमेंट की वीरता और समर्पण का प्रतीक है।


प्रतिनिधिमंडल में शामिल ब्रिटिश सेना के अधिकारियों ने कहा कि उनके लिए गर्व की बात है कि वे उस भूमि पर जा रहे हैं जहां ऐसे वीर सैनिकों ने जन्म लिया, जिन्होंने ब्रिटिश सेना के इतिहास को गौरवान्वित किया। इस अवसर पर, सारागढ़ी फाउंडेशन युद्ध से जुड़े दस्तावेज़ों, तस्वीरों और ऐतिहासिक तथ्यों की प्रदर्शनी भी आयोजित करेगा।


गुरभेज सिंह टिब्बी ने बताया कि यह दौरा न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का प्रतीक है, बल्कि भारत और ब्रिटेन के ऐतिहासिक एवं सैन्य संबंधों को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि सारागढ़ी का युद्ध केवल सिखों की विरासत नहीं, बल्कि मानवता के लिए साहस और निष्ठा का प्रेरक उदाहरण है।


उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल सारागढ़ी स्मारक संग्रहालय में शहीदों की यादों और ऐतिहासिक अभिलेखों को भी देखेगा। गुरु नानक देव जी का गुरुपर्व हमें सेवा, सत्य और एकता का संदेश देता है, और सारागढ़ी के शहीदों ने अपने कर्मों से इसे साकार किया। सारागढ़ी फाउंडेशन हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करेगा ताकि विदेशी पंजाबी युवाओं को अपनी वीर विरासत से जोड़ा जा सके।