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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द संभव: नीति आयोग

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं फिर से चर्चा में हैं। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि दोनों देश एक लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। जानें इस समझौते के पीछे की रणनीतियाँ और हाल की घटनाएँ।
 

भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में प्रगति


दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं बढ़ी हैं: सुब्रह्मण्यम


भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में अनिश्चितता बनी हुई है, जबकि व्यापार समझौता अभी भी ठंडे बस्ते में है। इस विषय पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से रूस से कच्चा तेल आयात बंद करने की मांग की थी। इसके जवाब में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट जवाब दिया। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने सोमवार को कहा कि यह समझौता जल्द ही संभव होगा।


सुब्रह्मण्यम का बयान


सुब्रह्मण्यम ने कहा कि दोनों देश एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना चाहिए और विनिर्माण में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए अपने बाजारों को खोलना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अगस्त में भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर दिया था, जिससे भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव आया।


फरवरी में हुई थी प्रतिबद्धता


इस वर्ष फरवरी में, दोनों देशों के नेताओं ने अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने का निर्देश दिया था। पहले चरण को 2025 के अक्टूबर-नवंबर तक पूरा करने की योजना है। अब तक इस विषय पर पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। इस समझौते का लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।