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भारत ने इंग्लैंड को हराकर टेस्ट सीरीज को बराबर किया

भारत और इंग्लैंड के बीच हालिया टेस्ट मैच ने क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित कर दिया। भारत ने अंतिम टेस्ट जीतकर सीरीज को बराबर किया, जिसमें यशस्वी जायसवाल की शानदार पारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रनों की आवश्यकता थी, जबकि भारत को 4 विकेट चाहिए थे। जानें इस मुकाबले की पूरी कहानी और कैसे भारत ने दबाव में जीत हासिल की।
 

भारत और इंग्लैंड के बीच रोमांचक टेस्ट मुकाबला

IND VS ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा हमेशा से ही दिलचस्प रही है। टेस्ट क्रिकेट में यह मुकाबला और भी रोमांचक हो जाता है। भारत ने इंग्लैंड को हमेशा कड़ी चुनौती दी है, चाहे वह घरेलू मैदान हो या विदेशी। हाल ही में, भारत ने पांच मैचों की श्रृंखला के अंतिम टेस्ट में इंग्लैंड को हराकर सीरीज को बराबर किया। मैच के अंतिम दिन भारत को जीत के लिए 4 विकेट और इंग्लैंड को 35 रनों की आवश्यकता थी। इसके बावजूद, भारत ने द ओवल में शानदार प्रदर्शन किया।


भारत की जीत की चुनौतियाँ

भारत के लिए अंतिम टेस्ट जीतना कठिन था, क्योंकि इंग्लैंड को केवल 35 रनों की आवश्यकता थी, जबकि भारत को 4 विकेट लेने थे। इस स्थिति में भारतीय टीम पर दबाव था। यदि इंग्लैंड की टीम ने एक या दो अच्छी साझेदारियाँ बनाई होतीं, तो मैच भारत के हाथ से निकल सकता था।

इसके अलावा, पिच सपाट होती जा रही थी, जिससे बल्लेबाजी आसान हो रही थी और तेज गेंदबाजों को स्विंग नहीं मिल रही थी। इंग्लैंड के बल्लेबाज भी क्रीज पर स्थिर हो गए थे। हालांकि, सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की शानदार गेंदबाजी ने इंग्लैंड को हार मानने पर मजबूर कर दिया और भारत ने मैच जीत लिया।


मैच का संक्षिप्त विवरण

इंग्लैंड ने पहले टॉस जीतकर गेंदबाजी का निर्णय लिया और भारत को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 224 रन बनाए। इंग्लैंड ने पहली पारी में 247 रन बनाकर बढ़त बनाई। दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल के 118 रनों की मदद से भारत ने 396 रन बनाए। इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रनों का लक्ष्य मिला। हालांकि, हैरी ब्रूक और जो रूट की शानदार पारियों के बावजूद, भारत ने अंतिम दिन इंग्लैंड से जीत छीन ली।

भारत के लिए यह जीत इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि इंग्लैंड ने अपनी रणनीति और आत्मविश्वास से भारत को चुनौती दी। भारत ने भी बेहतरीन खेल दिखाया, लेकिन कुछ गलतियों और परिस्थितियों ने मुकाबले को कठिन बना दिया।