भारत में वियरेबल स्मार्ट ग्लास से यूपीआई लाइट भुगतान की सुविधा शुरू
भारत में वियरेबल स्मार्ट ग्लास के माध्यम से यूपीआई लाइट भुगतान की नई सुविधा शुरू हो गई है। इस प्रणाली में उपयोगकर्ता को केवल क्यूआर कोड स्कैन करना और वॉयस कमांड देना होगा, जिससे बिना मोबाइल या पिन के लेन-देन संभव होगा। यह सुविधा छोटे और बार-बार किए जाने वाले भुगतानों के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे डिजिटल भुगतान को और भी सरल बनाया जा सके। जानें इस नई तकनीक के बारे में और कैसे यह भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान में अग्रणी बनाएगी।
Oct 8, 2025, 16:25 IST
नई डिजिटल भुगतान सुविधा का आगाज़
मुंबई। अब भारत में वियरेबल स्मार्ट ग्लास के माध्यम से यूपीआई लाइट सुविधा का उपयोग कर भुगतान किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में उपयोगकर्ता को केवल क्यूआर कोड स्कैन करना होगा और वॉयस कमांड देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि इस सुविधा के लिए न तो मोबाइल फोन की आवश्यकता होगी और न ही किसी पिन नंबर की जरूरत पड़ेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने 'ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025' में इस नई डिजिटल भुगतान प्रणाली का अनावरण किया। 'यूपीआई लाइट' विशेष रूप से छोटे और बार-बार किए जाने वाले भुगतानों के लिए डिज़ाइन की गई है, जिसमें मुख्य बैंकिंग प्रणाली पर निर्भरता काफी कम होती है।
सहज भुगतान अनुभव
एनपीसीआई ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि स्मार्ट ग्लास पर यूपीआई लाइट से भुगतान करना बेहद सरल है, इसे 'देखो, बोलो, भुगतान करो' के सिद्धांत पर आधारित किया गया है। यह सुविधा रोजमर्रा के लेन-देन जैसे खुदरा खरीदारी, भोजन और परिवहन के लिए लक्षित है, जिससे डिजिटल भुगतान को और भी आसान और निर्बाध बनाया जा सके।
वियरेबल तकनीक का नया विस्तार
एनपीसीआई ने बताया कि यह पहल वियरेबल तकनीक में यूपीआई का पहला विस्तार है और इसे 'सहज, परिवेश भुगतान' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे बैंक और भुगतान सेवा प्रदाताओं को भी लाभ होगा, क्योंकि गैर-सीबीएस (कोर बैंकिंग प्रणाली) वॉलेट लेनदेन होने से मुख्य बैंकिंग प्रणाली पर दबाव कम होगा।
भारत का वैश्विक डिजिटल भुगतान में नेतृत्व
एनपीसीआई ने कहा कि वियरेबल स्मार्ट ग्लास के माध्यम से यूपीआई लाइट भुगतान की व्यवस्था भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान नवाचार में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। एनपीसीआई देश में खुदरा भुगतान एवं निपटान प्रणालियों का संचालन करती है और यूपीआई का स्वामित्व भी इसके पास है।