भारत में व्हाट्सऐप ठगी: सरकार की चिंता और सख्त कदम
सरकार के लिए बढ़ती चिंता
नई दिल्ली: भारत में व्हाट्सऐप के माध्यम से होने वाली साइबर धोखाधड़ी सरकार के लिए एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। हर महीने लाखों भारतीय अकाउंट्स का निलंबन इस बात का संकेत है कि मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है। खासकर ठग भारतीय नंबरों का उपयोग कर लोगों को ठगने में लगे हुए हैं, जिससे सरकार की चिंता और सख्ती दोनों बढ़ गई हैं।
व्हाट्सऐप का बड़ा बाजार और ठगी की समस्या
भारत व्हाट्सऐप का सबसे बड़ा बाजार है, जहां करोड़ों लोग रोजाना बातचीत और कामकाज के लिए इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। लेकिन इसी बड़े यूजर बेस के बीच ठगी की बढ़ती घटनाओं ने सरकार को व्हाट्सऐप के साथ सीधे संवाद करने पर मजबूर कर दिया है, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
हर महीने बंद हो रहे करोड़ों अकाउंट
रिपोर्टों के अनुसार, व्हाट्सऐप हर महीने लगभग 98 लाख यानी एक करोड़ भारतीय अकाउंट बंद कर रहा है। इस बड़े पैमाने पर अकाउंट निलंबन से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय मोबाइल नंबरों का गलत इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। ठग इन नंबरों का उपयोग कर धोखाधड़ी कर रहे हैं, जिससे आम जनता को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
सरकार की चिंताएं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, व्हाट्सऐप अपनी मासिक रिपोर्ट में केवल यह बताता है कि कितने अकाउंट बंद किए गए, लेकिन यह नहीं बताता कि वे अकाउंट किन नंबरों से जुड़े थे। सरकार का मानना है कि इस कारण साइबर ठगी और स्पैम पर प्रभावी कार्रवाई करने में कठिनाई हो रही है।
अधिकारियों का कहना है कि जिन नंबरों को व्हाट्सऐप पर बंद किया जाता है, वही ठग बाद में टेलीग्राम जैसे अन्य प्लेटफार्मों पर सक्रिय हो जाते हैं और वहां भी लोगों को ठगते हैं। ठगी करने वाले देश के अंदर और बाहर दोनों जगह से भारतीय नंबरों का उपयोग कर रहे हैं।
OTP ऐप्स पर ठगी का बढ़ता मामला
अधिकारियों के अनुसार, डिजिटल धोखाधड़ी और पहचान छिपाकर की जाने वाली ठगी के लगभग 95 प्रतिशत मामले व्हाट्सऐप पर सामने आ रहे हैं। ठग लोगों को डराकर उनसे पैसे ऐंठते हैं। एक बार अकाउंट बन जाने के बाद सिम कार्ड की आवश्यकता नहीं होती, जिससे अपराधियों को पकड़ना और भी मुश्किल हो जाता है।
एक अधिकारी ने कहा है कि हमें सुविधा और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना है। ठगी रोकने के लिए यह जानना आवश्यक है कि अकाउंट खोलने वाली सिम कब जारी हुई और उसकी KYS डिटेल्स असली हैं या फर्जी।
सरकार और व्हाट्सऐप के बीच तालमेल
सरकार लगातार व्हाट्सऐप और अन्य प्लेटफार्मों से कह रही है कि ठगी में शामिल अकाउंट्स को तुरंत बंद किया जाए। दूरसंचार विभाग के अनुसार, इस साल नवंबर तक सरकार के निर्देश पर लगभग 29 लाख व्हाट्सऐप प्रोफाइल और ग्रुप बंद किए गए हैं। इन मामलों में सरकार को बंद किए गए नंबरों की जानकारी होती है।
हालांकि, जब व्हाट्सऐप अपने स्तर पर अकाउंट बंद करता है, तो उससे जुड़ी कोई जानकारी सरकार को नहीं मिलती। अधिकारियों का कहना है कि व्हाट्सऐप केवल संख्या बताता है, लेकिन यह नहीं बताता कि कौन से नंबर बंद किए गए हैं। सरकार का दावा है कि वह निजी जानकारी नहीं, बल्कि केवल नंबर चाहती है ताकि यह जांच की जा सके कि वे असली हैं या नहीं।
एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट का उद्देश्य प्लेटफॉर्म में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना था, और अब सरकार को अधिक जानकारी मांगने का अधिकार है। वहीं, व्हाट्सऐप का कहना है कि वह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का उपयोग करता है, इसलिए अकाउंट बंद करने के निर्णय यूजर के व्यवहार पर आधारित होते हैं। कंपनी का तर्क है कि नंबर साझा करने में तकनीकी और कानूनी समस्याएं हैं।
इसके बावजूद अधिकारी मानते हैं कि कुछ मामलों में जानकारी न देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है। ऐसे में सरकार आने वाले समय में साइबर ठगी पर नियंत्रण के लिए और भी सख्त कदम उठा सकती है.