भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 650 अंक लुढ़का
मुंबई में शेयर बाजार की स्थिति
मुंबई: अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ का तात्कालिक और गंभीर प्रभाव गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार पर देखा गया। गणेश चतुर्थी की छुट्टी के बाद जैसे ही बाजार खुला, निवेशकों में बिकवाली की लहर दौड़ गई, जिससे बाजार में हाहाकार मच गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स खुलते ही 657 अंकों की गिरावट के साथ 80,124 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 200 अंक से अधिक टूट गया।
ट्रंप प्रशासन का निर्णय
ट्रंप के फैसले ने डुबोया बाजार
बुधवार, 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार बंद था, लेकिन इसी दिन अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। इस निर्णय ने निवेशकों के मनोबल को बुरी तरह प्रभावित किया। जब बाजार खुला, तो इसका सीधा असर देखने को मिला।
बाजार में गिरावट का प्रभाव
BSE का सेंसेक्स अपने पिछले बंद 80,786.54 के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ 80,754 पर खुला, लेकिन कुछ ही मिनटों में बिकवाली के दबाव के चलते 657.33 अंक लुढ़ककर 80,124 के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी अपने पिछले बंद 24,712.05 की तुलना में 24,695.80 पर खुला और देखते ही देखते 200 अंक टूटकर 24,512 के स्तर पर आ गया।
आईटी और बैंकिंग सेक्टर पर असर
आईटी और बैंकिंग शेयरों में मची तबाही
बाजार में इस गिरावट का सबसे अधिक प्रभाव आईटी, टेक और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों पर पड़ा, जो बुरी तरह टूट गए। शुरुआती कारोबार में ही BSE पर लगभग 1458 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे, जबकि केवल 1023 कंपनियों के शेयरों में खरीदारी देखने को मिली।
सबसे ज्यादा प्रभावित स्टॉक्स
ये स्टॉक्स सबसे ज्यादा टूटे
गिरावट की इस लहर में लार्जकैप शेयरों में HCL टेक 2.30%, पावरग्रिड 1.50%, सनफार्मा 1.40%, TCS 1.30% और HDFC बैंक 1.25% तक टूट गए। इसके अलावा, इंफोसिस, जियो फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और रिलायंस जैसे प्रमुख शेयरों में भी भारी बिकवाली देखी गई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का हाल और भी बुरा रहा, जहां कई स्टॉक्स 3% से 5% तक गिर गए।
बाजार की भविष्यवाणी
हालांकि, इस गिरते बाजार में भी हीरो मोटोकॉर्प, एशियन पेंट्स और टाइटन जैसे कुछ गिने-चुने शेयर हरे निशान में टिके रहने में सफल रहे। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक टैरिफ को लेकर कोई सकारात्मक खबर नहीं आती, बाजार में अस्थिरता का माहौल बना रह सकता है।