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मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ नामक कफ सिरप के सेवन से 19 बच्चों की मौत हो गई है। यह सिरप पीने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके कारण कई परिवारों में मातम छा गया। प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को निलंबित किया और सिरप के वितरक के गोदाम को सील कर दिया है। जानें पीड़ित परिवारों की दर्दनाक कहानियाँ और प्रशासन की प्रतिक्रिया।
 

कोल्ड्रिफ सिरप का कहर

जबलपुर: मध्य प्रदेश और राजस्थान में 'कोल्ड्रिफ' नामक कफ सिरप ने भयानक तबाही मचाई है, जिसके कारण 19 बच्चों की दुखद मौत हो चुकी है। इस जहरीले सिरप के सेवन से प्रभावित परिवारों की कहानियाँ सुनकर दिल दहल जाता है। हर घटना एक साधारण सर्दी-बुखार के इलाज से शुरू होती है और नागपुर के अस्पताल में बच्चे की मौत पर समाप्त होती है।


एक पिता की दर्दनाक कहानी

छिंदवाड़ा में अपने बच्चे को खोने वाले एक पिता ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा, 'मेरे बच्चे को हल्का बुखार था। हम उसे तुरंत डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास ले गए। उन्होंने जो दवाइयां दीं, हमने वही खरीदीं। सिरप देने के बाद बच्चे को तुरंत उल्टियां होने लगीं। जब हमने डॉक्टर को बताया, तो उन्होंने एक इंजेक्शन दिया और हमें घर जाने को कहा।'


बच्चे की हालत बिगड़ती गई

उन्होंने आगे कहा, 'घर पर दवा देने के बाद बच्चे को फिर उल्टियां हुईं और उसने खाना-पीना बंद कर दिया। हम उसे फिर से डॉक्टर के पास ले गए, जहां से उसे पहले परासिया, फिर छिंदवाड़ा और अंत में नागपुर रेफर किया गया। 27 तारीख को मेरे बच्चे ने दम तोड़ दिया।'


एक और माँ की आपबीती

छिंदवाड़ा की चेनवती यदुवंशी ने बताया, 'कफ सिरप लेने के अगले दिन मेरे बच्चे का बुखार बढ़ गया। 18 तारीख की रात उसे लगातार उल्टियां होने लगीं और पेट में भयानक दर्द था। 19 तारीख को हम उसे छिंदवाड़ा के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत नाजुक बताई और नागपुर ले जाने को कहा। कई अस्पतालों में इलाज के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ और 26 तारीख को मेरे बच्चे की जान चली गई। मैं डॉक्टर प्रवीण सोनी की दवा को इसके लिए जिम्मेदार मानती हूं।'


प्रशासन की कार्रवाई

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए हैं। छिंदवाड़ा में 14 और बैतूल में 2 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें किडनी फेल होने की बात सामने आई है। सभी का इलाज डॉ. प्रवीन सोनी ने किया था, जिन्हें अब निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग ने सिरप के वितरक 'कातारिया फार्मास्युटिकल्स' के गोदाम को सील कर दिया है। जांच में पाया गया कि यह सिरप इसी गोदाम से सप्लाई की गई थी। प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा भी दिया है और नागपुर में भर्ती 8 अन्य बच्चों की निगरानी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।