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महाराष्ट्र में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, 10 लोगों की मौत

महाराष्ट्र में हालिया भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई है। 11,800 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है। जानें इस प्राकृतिक आपदा के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।
 

महाराष्ट्र में बारिश का कहर


11,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, एक अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी


इस वर्ष मानसून ने पूरे भारत में भारी बारिश का सामना कराया है। जब मानसून अपने चरम पर था, तब पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड बारिश हुई। अब, मानसून की वापसी के साथ, यह मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई राज्यों में कहर बरपा रहा है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई नदियां और नाले ओवरफ्लो हो चुके हैं, जिससे पानी रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है।


बारिश से जान का नुकसान

महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की जान चली गई है, जबकि 11,800 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मराठवाड़ा क्षेत्र में कई नदियां उफान पर हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं। कोंकण, गोवा, बिहार और पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में भी भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के साथ-साथ राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले दो-तीन दिन गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है।


महाराष्ट्र में बारिश का कारण

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिम विदर्भ और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र पर एक निम्न दाब क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों, गोवा और कोंकण क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है, जो 1 अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है।


गोदावरी का जलस्तर बढ़ा

रविवार को मराठवाड़ा के धराशिव जिले में भारी बारिश के कारण दो लोगों की जान चली गई। जयकवाड़ी बांध से पानी छोड़े जाने के कारण गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे छत्रपति संभाजीनगर और नांदेड़ जिलों में स्थिति गंभीर हो गई है, और नदी किनारों तथा निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना पड़ा। छत्रपति संभाजीनगर से 7,000, नांदेड़ से 970 और धराशिव जिले से 3,600 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।