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रूस ने ट्रंप की भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी का किया विरोध

रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी का विरोध किया है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि देशों को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि भारत रूसी तेल की खरीद बंद नहीं करता है, तो उस पर टैरिफ बढ़ा दिए जाएंगे। भारत ने इस पर कड़ा जवाब देते हुए कहा कि यह पूरी तरह अनुचित है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी।
 

रूस की प्रतिक्रिया

रूस की प्रतिक्रिया: मॉस्को ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर रूस से तेल खरीदने पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी का विरोध किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि इस तरह की धमकियाँ रूस के खिलाफ गैरकानूनी हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देशों को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।


व्यापारिक साझेदारों पर दबाव न डालें

पेसकोव ने कहा, "देशों को अपने व्यापारिक साझेदार चुनने का अधिकार है और ऐसी धमकियाँ नहीं दी जा सकतीं। किसी भी देश को रूस के साथ व्यापार बंद करने के लिए मजबूर करना गैरकानूनी है। रूस के व्यापारिक साझेदारों पर इस तरह का दबाव एक धमकी माना जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि संप्रभु देशों को अपने व्यापारिक साझेदार और आर्थिक सहयोग के लिए विकल्प चुनने का अधिकार होना चाहिए।


ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 4 अगस्त को चेतावनी दी कि यदि भारत रूसी तेल और अन्य सैन्य उत्पादों की खरीद बंद नहीं करता है, तो उस पर टैरिफ बढ़ा दिए जाएंगे। ट्रंप ने कहा, "भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि इसे खुले बाजार में मुनाफे पर बेच भी रहा है। उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं। इसलिए मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले शुल्क में वृद्धि करने जा रहा हूँ।"


भारत का कड़ा जवाब

भारत को निशाना बनाना गलत

भारत ने ट्रंप की चेतावनी का कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत को निशाना बनाना पूरी तरह से अनुचित है और यह दोहरे मानदंडों का उदाहरण है। भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता रहेगा।"