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सांचार साथी ऐप पर जासूसी के आरोपों का खंडन, सरकार ने दी सफाई

केंद्र सरकार ने सांचार साथी ऐप पर जासूसी के आरोपों को खारिज किया है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ऐप साइबर धोखाधड़ी से सुरक्षा के लिए बनाया गया है। जानें इस ऐप की सुविधाएं, उपयोगिता और इसे लेकर उठ रहे सवालों का जवाब।
 

सांचार साथी ऐप पर सरकार का स्पष्टीकरण


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि सांचार साथी ऐप पर जासूसी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि इस ऐप के माध्यम से जासूसी करना असंभव है। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य लोगों को सशक्त बनाना है ताकि वे साइबर धोखाधड़ी से सुरक्षित रह सकें।


सिंधिया ने कहा कि सांचार साथी ऐप के जरिए किसी प्रकार की निगरानी नहीं की जाती है। इस बीच, दूरसंचार विभाग के आदेश पर भी चर्चा हुई, जिसमें 28 नवंबर को निर्देश दिया गया था कि सभी मोबाइल कंपनियों को इस ऐप को नए हैंडसेट में प्री-इंस्टॉल करना होगा और पुराने उपकरणों में सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से उपलब्ध कराना होगा।


आदेश में क्या निर्देश दिए गए?

आदेश में कहा गया है कि यह ऐप फोन के पहले उपयोग के समय यूजर को दिखना चाहिए और इसकी सुविधाओं को किसी भी तरह से सीमित नहीं किया जा सकता। संसद के बाहर संचार राज्य मंत्री डॉ चंद्र शेखर पेम्मासानी ने कहा कि सांचार साथी ऐप साइबर धोखाधड़ी रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है। उन्होंने कहा कि जो लोग इसे जासूसी से जोड़ते हैं, उन्हें इसे डाउनलोड करके खुद देखना चाहिए।


ऐप की सुविधाएं

उन्होंने बताया कि ऐप को सभी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है ताकि गांव और शहर के कम पढ़े-लिखे लोग भी इसे आसानी से उपयोग कर सकें। अब तक सांचार साथी वेबसाइट पर लगभग 20 करोड़ हिट आ चुकी हैं और 1.4 करोड़ लोग ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ऐप को ऐप्पल और गूगल दोनों ने वेरिफाई किया है। यदि कोई यूजर ऐप नहीं रखना चाहता, तो वह इसे आसानी से डिलीट कर सकता है।


सिंधिया का बयान

इस विवाद के बीच, सिंधिया ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सांचार साथी ऐप रखना अनिवार्य नहीं है और इसे हटाया जा सकता है। यह बयान तब आया जब कई डिजिटल राइट्स एक्टिविस्ट और राजनीतिक दलों ने इस ऐप को अनइंस्टॉल न करने की खबरों पर सवाल उठाए थे। सिंधिया ने कहा कि ऐप पूरी तरह स्वैच्छिक है और इसका उद्देश्य नागरिकों की गोपनीयता को सुरक्षित रखना और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाना है।


सांचार साथी पोर्टल मई 2023 में शुरू किया गया था। इसके माध्यम से नागरिक अपने आईडी से जुड़े मोबाइल नंबरों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, फर्जी नंबरों की शिकायत कर सकते हैं और खोए हुए फोन को ट्रेस कर सकते हैं। साइबर अपराध रोकने के लिए इसका मोबाइल ऐप भी इसी वर्ष लॉन्च किया गया है।