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सात साल बाद भी अधूरा है सतनाली का सीवरेज प्रोजेक्ट

सतनाली में 2018 में शुरू किया गया सीवरेज कार्य अब तक अधूरा है, जिससे जनस्वास्थ्य विभाग और ठेकेदार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने अनियमितताओं का आरोप लगाया है और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और क्यों यह परियोजना अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
 

सतनाली में सीवरेज कार्य की स्थिति


सतनाली में जल निकासी व्यवस्था को सुधारने के लिए 2018 में शुरू किया गया सीवरेज कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। सात साल बीत जाने के बाद भी यह परियोजना अधूरी है, जिससे जनस्वास्थ्य विभाग और ठेकेदार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। सीवरेज लाइन का काम न होने से भ्रष्टाचार की आशंका भी जताई जा रही है।


जनस्वास्थ्य विभाग ने दिसंबर 2018 में इस कार्य के लिए लगभग सात करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। पंचायत ने रावला जोहड़ के पास 8 एकड़ भूमि का चयन किया था। हालांकि, ठेकेदार ने काम शुरू करने के बाद से ही अपनी कार्यप्रणाली को लेकर आलोचना का सामना किया है।


अनियमितताओं का आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार ने कार्य के दौरान कई अनियमितताएं की हैं। सीवरेज लाइन बिछाने के साथ-साथ पेयजल पाइपलाइन का काम नहीं किया गया। इस पर तत्कालीन एसडीएम और जिला उपायुक्त ने मौके का निरीक्षण किया था, लेकिन न तो जांच हुई और न ही कार्य पूरा किया गया।


अधूरा कार्य और विभाग की लापरवाही

सूत्रों के अनुसार, केवल 60 प्रतिशत कार्य ही पूरा हुआ है, जबकि 40 प्रतिशत कार्य अभी भी अधूरा है। कई गलियों में सीवरेज और पाइपलाइन का काम नहीं किया गया है। ठेकेदार ने बिना नक्शे के सीवर लाइन बिछाई है, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।


क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री और जिला उपायुक्त को शिकायत भेजकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।