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हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक: बिक्री में धीमी गति का रहस्य

हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक की बिक्री ने सभी को चौंका दिया है, क्योंकि यह टाटा नेक्सन EV और MG विंडसर EV जैसी गाड़ियों के मुकाबले काफी पीछे रह गई है। इसकी कीमत, डिजाइन और फीचर्स पर चर्चा करते हुए, हम जानेंगे कि क्या ये कारण ग्राहकों को इस SUV से दूर कर रहे हैं। क्या हुंडई को अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा? जानें इस लेख में!
 

बड़ी पहचान, लेकिन धीमी बिक्री! हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक ने क्यों किया सबको हैरान?

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक की बिक्री की कहानी कुछ अलग है। कंपनी का दावा है कि उसने पिछले 6 महीनों में 4,000 से अधिक क्रेटा इलेक्ट्रिक SUV बेचीं, लेकिन यह आंकड़ा टाटा नेक्सन EV और MG विंडसर EV जैसी गाड़ियों के मुकाबले कम है। क्या ग्राहक किफायती कीमत और उच्च तकनीक वाले फीचर्स की तलाश में क्रेटा इलेक्ट्रिक को नजरअंदाज कर रहे हैं? आइए, इस इलेक्ट्रिक SUV की वास्तविकता, इसके अद्भुत फीचर्स, और कम बिक्री के कारणों पर एक नज़र डालते हैं।


हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक का बाजार में आगमन

हुंडई ने अपनी क्रेटा इलेक्ट्रिक को भारत में सबसे किफायती इलेक्ट्रिक SUV के रूप में पेश किया, लेकिन इसकी बिक्री की गति ने सभी को चौंका दिया। जबकि टाटा नेक्सन EV और MG विंडसर EV हर महीने 3,000-4,000 यूनिट्स की बिक्री कर रही हैं, क्रेटा इलेक्ट्रिक ने 6 महीनों में केवल 4,000 यूनिट्स बेचीं। भारतीय बाजार में बढ़ती मांग के बावजूद, यह गाड़ी टाटा कर्व EV और महिंद्रा BE 6 जैसे प्रतिद्वंद्वियों से पीछे रह गई। क्या इसकी ऊँची कीमत या डिजाइन ने ग्राहकों को आकर्षित करने में कमी छोड़ी?


क्या कीमत ने खेल बिगाड़ दिया?

क्रेटा इलेक्ट्रिक की कीमत ₹17.99 लाख से ₹24.37 लाख (एक्स-शोरूम) के बीच है, जो इसे किफायती इलेक्ट्रिक वाहनों की श्रेणी में रखती है। दूसरी ओर, MG विंडसर EV की बैटरी-एज-ए-सर्विस योजना ने इसकी कीमत को ₹9.99 लाख (एक्स-शोरूम) तक ला दिया है, जिससे यह किफायती विकल्पों की तलाश कर रहे ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक बन गई है। हालांकि, क्रेटा इलेक्ट्रिक का डिजाइन अपने ICE मॉडल से मिलता-जुलता है, जिसमें कुछ खास इलेक्ट्रिक तत्व शामिल हैं। फिर भी, कीमत का अंतर इसकी बिक्री में बाधा बन रहा है।


फीचर्स की भरपूरता, फिर भी कमी क्यों?

क्रेटा इलेक्ट्रिक में फीचर्स की कोई कमी नहीं है। इसका केबिन प्रीमियम अनुभव प्रदान करता है, जिसमें 10.25-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, पैनोरमिक सनरूफ, और 8-स्पीकर बोस साउंड सिस्टम शामिल हैं। डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, वेंटिलेटेड सीटें, और रेन-सेंसिंग वाइपर्स इसे लग्जरी का एहसास देते हैं। खास बात यह है कि इसमें V2L और V2V तकनीक है, जो अन्य गैजेट्स और EV को चार्ज करने की सुविधा देती है। 42 kWh और 51.4 kWh के बैटरी पैक 390-473 किमी की रेंज प्रदान करते हैं, जो इसे लंबी यात्राओं के लिए उपयुक्त बनाता है। फिर भी, क्या ये फीचर्स ग्राहकों को किफायती विकल्पों से भटका रहे हैं?


भविष्य में क्या संभावनाएं हैं?

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है, और हुंडई को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। MG और टाटा ने किफायती कीमतों और आक्रामक मार्केटिंग से बाजार में अपनी पकड़ बनाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक की कीमत को और प्रतिस्पर्धी बनाया जाए, तो यह बाजार में वापसी कर सकती है। चार्जिंग स्टेशनों की बढ़ती संख्या और सरकारी सब्सिडी भी इसकी बिक्री को बढ़ा सकती है। क्या हुंडई इस चुनौती को स्वीकार कर पाएगी, या नई इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ इसे और पीछे छोड़ देंगी?