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अनुराग ठाकुर ने आतंकवाद पर भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की वैश्विक सराहना की

पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने चार देशों के दौरे के दौरान आतंकवाद पर पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर किया। उन्होंने भारत की विविधता में एकता की पहचान को रेखांकित करते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए अभिशाप है। इस दौरे में कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता जताई। जानें इस महत्वपूर्ण यात्रा के बारे में और भारत की एकजुटता को कैसे सराहा गया।
 

भारत का पक्ष रखते हुए आतंकवाद पर पाकिस्तान का पर्दाफाश

काहिरा/ मिस्र: पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने चार देशों - कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र के सफल दौरे के दौरान भारत का पक्ष रखते हुए आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर किया।


अनुराग ठाकुर ने कहा, "भारत की पहचान हमेशा विविधता में एकता रही है। पहलगाम में हुई आतंकी घटना के संदर्भ में भारत की कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, और पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीति को दुनिया के सामने लाने के लिए विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के गणमान्य व्यक्तियों ने एकजुट होकर भारत का पक्ष रखा। भारत के 7 समूहों ने कई देशों की यात्रा के दौरान पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के बारे में सरकार और सेना की मिलीभगत के सबूत पेश किए, जिससे पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश साबित किया गया। विभिन्न पार्टियों और विचारधाराओं के बावजूद, भारतीय सांसदों की आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की विश्व स्तर पर सराहना हो रही है।"


उन्होंने आगे कहा, "ग्रुप-7 की चार देशों की यात्रा में कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र ने आतंकवाद के खिलाफ हमारे साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता जताई है। ये देश भी आतंकवाद को एक वैश्विक खतरा मानते हैं। भारत एक बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी देश है, जो विभिन्न धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करता है। हमें विविधता का सम्मान करना चाहिए, लेकिन हमारी सहृदयता को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। आतंकवाद मानवता के लिए एक अभिशाप है, और इसके खिलाफ हमारी कार्रवाई अब भारत का नया सामान्य है। भारत आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली सरकारों और आतंक के आकाओं के बीच कोई भेद नहीं करेगा। हमारे पास पाकिस्तान सरकार द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के पर्याप्त सबूत हैं। पानी और खून एक साथ नहीं चल सकते, और भारत इस निर्णय पर अडिग है।"