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अमेरिका का ईरान पर हमला: फ्रांस ने किया स्पष्ट

अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी की, जिसमें फ्रांस ने अपनी गैर-भागीदारी की पुष्टि की है। फ्रांस के विदेश मंत्री ने इस हमले को चिंताजनक बताया और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की। ट्रंप ने हमले की जानकारी साझा करते हुए कहा कि सभी अमेरिकी विमान ईरान के एयरस्पेस के बाहर हैं। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और ईरान के परमाणु स्थलों का महत्व।
 

अमेरिका की सैन्य कार्रवाई

अमेरिका का ईरान पर हमला: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में रविवार (22 जून 2025) को अमेरिका ने भी भाग लिया। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों, फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया। इस कार्रवाई पर फ्रांस ने एक बयान जारी किया है।


फ्रांस का बयान

फ्रांस के विदेश मंत्री जे. नोएल बरोट ने रविवार को कहा कि अमेरिका द्वारा किए गए हमलों में उनका देश शामिल नहीं था। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की जानकारी उन्हें मिली है, जो चिंताजनक है।


फ्रांस की स्थिति

बरोट ने स्पष्ट किया कि फ्रांस इन हमलों में शामिल नहीं था और न ही ऐसी कोई योजना है। उन्होंने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की, ताकि तनाव को कम किया जा सके। मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे का स्थायी समाधान परमाणु अप्रसार संधि के तहत बातचीत के माध्यम से निकाला जाना चाहिए।


ट्रंप का बयान

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध में ट्रंप ने पहले ही सक्रियता दिखाई थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर हमले की जानकारी साझा करते हुए कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हवाई हमला किया है। ट्रंप ने कहा कि सभी अमेरिकी विमान ईरान के एयरस्पेस के बाहर हैं और एक साथ तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया गया है।


ईरान के परमाणु स्थलों का महत्व

ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान के प्राथमिक परमाणु स्थल पर पूर्ण बम पेलोड गिराया गया है। आइए जानते हैं कि ये तीन परमाणु स्थल ईरान के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।