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अमेरिकी प्रवासी भारतीयों पर 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' का प्रभाव: क्या बदलने वाला है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लाए गए 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' का प्रभाव अमेरिका में रहने वाले भारतीयों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। यह विधेयक रेमिटेंस, अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती, और कानूनी प्रवास की फीस में वृद्धि जैसे कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है। जानें इस विधेयक के तहत क्या-क्या परिवर्तन हो रहे हैं और इसका भारतीय समुदाय पर क्या असर पड़ेगा।
 

नया विधेयक और इसका प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत किया गया नया विधेयक, जिसे 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' कहा जाता है, अब अमेरिकी संसद से पारित हो चुका है। इसका प्रभाव अमेरिका में रहने वाले भारतीयों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। यह विधेयक न केवल अमेरिका की आंतरिक नीतियों को प्रभावित करेगा, बल्कि प्रवासियों, विशेषकर भारतीय मूल के लोगों पर भी कई स्तरों पर असर डालेगा.


रेमिटेंस पर प्रभाव

इस विधेयक का सबसे महत्वपूर्ण और तात्कालिक प्रभाव रेमिटेंस पर पड़ेगा, यानी प्रवासी भारतीयों द्वारा भारत भेजे गए धन पर। इसके अलावा, अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती, विदेशी आय पर कर नियमों में बदलाव और कानूनी प्रवास की फीस में वृद्धि जैसे प्रावधान भी भारतीय समुदाय को प्रभावित करेंगे.


मनी ट्रांसफर पर टैक्स

इस विधेयक में विदेशी देशों को भेजे गए धन पर 5% टैक्स का प्रस्ताव था, लेकिन अंतिम रूप में इसे घटाकर 1% कर दिया गया है। अमेरिका में लगभग 45 लाख भारतीय नागरिक या भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से कई नियमित रूप से अपने परिवारों के लिए पैसे भेजते हैं। द गार्डियंस रियल एस्टेट एडवाइजरी के सह-संस्थापक राम नाइक के अनुसार, यूएस बैंक और कार्ड-बेस्ड रेमिटेंस पर यह टैक्स लागू नहीं होगा, लेकिन जो एनआरआई उच्च-मूल्य या बार-बार ट्रांसफर करते हैं, उन्हें अपनी वित्तीय योजना पर पुनर्विचार करना होगा। यह नियम 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा.


विदेशी आय पर कर में कोई बदलाव नहीं

इस विधेयक में कई विवादास्पद प्रावधान हैं, लेकिन एनआरआई ग्रीन कार्डधारकों या अमेरिकी नागरिकों द्वारा भारत में कमाई गई विदेशी आय पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। भारत में दिए गए टैक्स को अमेरिकी टैक्स क्रेडिट में समायोजित किया जा सकेगा, जिससे दोहरी कराधान से राहत मिलेगी.


अवैध प्रवासियों पर असर

इस विधेयक में ट्रंप की नीतियों के अनुसार, आप्रवासन नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर की अतिरिक्त फंडिंग प्रदान की गई है। इसका असर उन भारतीय नागरिकों पर भी पड़ेगा जो अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं। अनुमान है कि अमेरिका में लगभग 18,000 भारतीय नागरिक अवैध रूप से निवास कर रहे हैं, जिन्हें अमेरिका ने चिन्हित कर लिया है। भारत सरकार ने कहा है कि वह इन नागरिकों को वापस लेने और मानव तस्करी के तंत्र को तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.


कानूनी प्रवास की फीस में वृद्धि

जो भारतीय कानूनी तरीके से अमेरिका में रहना चाहते हैं, उनके लिए यह विधेयक नई चुनौतियां लेकर आया है। रिपोर्ट के अनुसार, नए कानून के तहत वीजा और मानवतावादी सहायता की प्रक्रियाओं के लिए फीस में वृद्धि की गई है।



  • आसाइलम आवेदन शुल्क: $100

  • एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन एप्लिकेशन (EAD): $550

  • टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस (TPS): $500

  • ह्यूमैनिटेरियन पैरोल: $1,000

  • बिना आधिकारिक पोर्ट से सीमा पार करने पर जुर्माना: $5,000


इसके अलावा, कम आय वाले आवेदकों को अब कोई फीस माफी नहीं मिलेगी, जिससे आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे प्रवासियों के लिए अमेरिका में रहना और कठिन हो सकता है.