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आलू की खेती: सही समय और किस्मों का चयन

आलू की खेती भारतीय कृषि में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। सही समय पर बुवाई और उपयुक्त किस्मों का चयन करने से किसान अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में आलू की विभिन्न किस्मों, बुवाई के समय और किसानों के लिए उपयोगी सुझाव दिए गए हैं। जानें कैसे किसान ऑनलाइन बीज बुकिंग कर सकते हैं और किस प्रकार की किस्में उनके लिए लाभकारी हो सकती हैं।
 

आलू की खेती का महत्व

आलू की खेती, करनाल। भारतीय कृषि में आलू एक प्रमुख फसल मानी जाती है। किसान यदि सही समय पर इसकी बुवाई करें, तो उन्हें अच्छी उपज मिल सकती है। सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर के पूरे महीने तक आलू की बुवाई की जा सकती है। विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां मौसम अनुकूल है, इस वर्ष बारिश भी अच्छी हुई है और धरती ठंडी है, जिससे आलू के लिए अनुकूल मौसम बन रहा है। सितंबर के अंत में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे आ जाएगा, जो आलू की बुवाई के लिए उपयुक्त रहता है। इससे पौधों का विकास तेजी से होता है और उपज भी अच्छी होती है। प्रदेश के अधिकांश किसान 1509 धान की कटाई के बाद आलू की बुवाई करते हैं।


किसानों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

किसान ध्यान रखें

किसानों को हमेशा बीज के चयन में सतर्क रहना चाहिए। बीज प्रमाणित और रोग मुक्त होना आवश्यक है। बुवाई से पहले खेत की मिट्टी की जांच कराना न भूलें। कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार सही मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करें। उर्वरकों और अन्य रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग न करें। मिट्टी की जांच के बाद आवश्यक रसायनों का ही प्रयोग करें, इससे बेहतर मूल्य मिल सकता है।


उचित आलू की किस्में

सितंबर के अंतिम सप्ताह में कुफरी सूर्या की बुवाई की जा सकती है, जो जल्दी पकती है और इसकी उपज भी बहुत अच्छी होती है। यह किस्म बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे किसानों का जोखिम कम होता है। यह खाने में भी स्वादिष्ट है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। अक्टूबर में कुफरी मोहन, कुफरी उदय, पुष्कर, ख्याति, और आनंद किस्मों की बुवाई की जा सकती है। इन किस्मों के कच्चे आलू की खुदाई कर किसान बाजार में अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।


कुफरी पुखराज: एक उन्नत किस्म

कुफरी पुखराज एक और लोकप्रिय किस्म है जो कम समय में अच्छी उपज देती है। यह कई प्रकार की बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है और विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में भी अच्छी तरह उगती है। इसका रंग हल्का पीला होता है और इसका स्वाद भी अच्छा होता है। उचित प्रबंधन से फसल कम लागत में अधिक उत्पादन दे सकती है। सिंचाई का सही प्रबंधन करें और पछेती अंगमारी जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय पर फफूंदनाशक का छिड़काव करें। सही किस्म का चयन और उचित प्रबंधन से किसान बंपर उपज प्राप्त कर सकते हैं।


आलू की बेहतरीन किस्में

कुफरी चिप्सोना - 1 और कुफरी चिप्सोना 3 विशेष रूप से चिप्स बनाने के लिए विकसित की गई हैं। इनमें शुष्क पदार्थ की मात्रा अधिक होती है, जिससे चिप्स कुरकुरी और सुनहरी बनती हैं। यदि किसान प्रोसेसिंग उद्योग को ध्यान में रखकर खेती कर रहे हैं, तो ये किस्में उनके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती हैं। अच्छी उपज के साथ किसान अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं।


ऑनलाइन बीज बुकिंग की सुविधा

किसान ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं

आलू अनुसंधान केंद्र श्यामगढ़ (करनाल) के प्रभारी आशुल आनंद ने बताया कि किसान बागवानी विभाग हरियाणा के पोर्टल से आलू के बीज की बुकिंग कर सकते हैं। वर्तमान में श्यामगढ़ केंद्र में कुफरी मोहन, कुफरी ख्याति और कुफरी पुखराज का बीज उपलब्ध है। प्रदेश के किसान जो बीज की आवश्यकता रखते हैं, वे ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।