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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका उन पर फर्जी शैक्षणिक डिग्री जमा करने के आरोपों पर आधारित थी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के आरोपों को निराधार बताया। इस निर्णय को मौर्य के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले भी उनके खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थीं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

हाई कोर्ट का फैसला

 

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका उन पर फर्जी शैक्षणिक डिग्री जमा करने के आरोपों पर आधारित थी। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने 25 मई को सुरक्षित किए गए आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका में लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।

दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया था कि केशव प्रसाद मौर्य ने अमान्य डिग्री के आधार पर चुनाव में हलफनामा पेश किया और पेट्रोल पंप आवंटित कराया। इसलिए उन्होंने मांग की थी कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जाए। इससे पहले, जिला अदालत ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने के बाद दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसने हाई कोर्ट को इस मामले की सुनवाई के लिए निर्देशित किया था।

हाई कोर्ट का यह निर्णय उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ पहले भी कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें उनकी डिग्री को फर्जी बताया गया था।